पतंजलि ने योग क्रांति, ऋषि क्रांति और कृषि क्रांति को प्रतिस्थापित कर अब ग्रामीण भारत की क्रांति की ओर आगाज किया है -स्वामी रामदेव।
हरिद्वार। समृद्ध ग्राम, पतंजलि दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कृषि और उद्यम सखी ट्रेनिंग प्रोग्राम का रविवार को समापन समारोह हुआ। कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव महाराज और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।
इस अवसर पर तीन दिवसीय ट्रेनिंग में प्राकृतिक कृषि जैविक कृषि और मृदा परीक्षण के महत्व को समझाते हुए धरती का डॉक्टर किट का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके इसके अतिरिक्त उद्यम सखियों को पांच दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत स्टॉक और इन्वेंटरी मैनेजमेंट, क्वालिटी कंट्रोल और क्वालिटी एनालिसिस के साथ-साथ अपने व्यापार को समृद्धशाली बनाने के लिए ई-मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया मार्केटिंग के विषय में विस्तार से समझाया गया।
कार्यक्रम के समापन पर स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत ग्राम में बसता है। पतंजलि का उद्देश्य ग्रामीण आर्थिक समृद्धि के साथ आजीविका अभिवृद्धि करके पूर्ण रूप से ग्राम विकास करने का है। स्वदेशी से परिपूर्ण आंदोलन के साथ आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ ग्राम विकास में पतंजलि की महती भूमिका है जिसे आज देश भर में बहुत अच्छी पहचान मिली है। पतंजलि ने योग क्रांति, ऋषि क्रांति, कृषि क्रांति को पूर्ण कर और अब ग्रामीण भारत की एक आर्थिक समृद्धि की क्रांति का पावन शुभारंभ किया है।
इस पावन अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने संबोधित करते हुए कहा कि हम हाथ से हाथ मिलाकर कृषि सखियों की मदद करना चाहते हैं। हम उद्यम सखियों को तकनीकी आधारित शिक्षा से समृद्ध करके आर्थिक समृद्धि करते हैं।
इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य आजीविका मिशन के एडिशनल सीईओ प्रदीप कुमार पांडे ने भी पतंजलि परिवार को इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को अच्छे ढंग से संचालित करवाने के लिए शुभकामनाएं प्रदान की और धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि पतंजलि ने उत्तराखंड प्रांत में इंडस्ट्री के रूप में भी एक अलग और विश्व विख्यात पहचान बनाई है जिसका लाभ न केवल ग्रामीणों को बल्कि उत्तराखंड राज्य के सभी उद्यमियों को मिल रहा है। उन्होंने कृषि सखियों और उद्यम सखियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा परम सौभाग्य है कि हम पतंजलि योगपीठ के प्रांगण में ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं और इससे आर्थिक समृद्धि को हम प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कृषि सखियों और उद्यम सखियों ने पतंजलि का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग तो हमने बहुत सी की, लेकिन इस प्रकार की ट्रेनिंग हमने पहली बार की है। उन्होंने यह भी जाहिर किया कि वह पतंजलि ट्रेनिंग संस्थान में बार-बार आकर ट्रेनिंग करना चाहेंगी।
अंत में सभी बहनों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत दी जिसमें उत्तराखंड राज्य के विभिन्न लोकगीत, लोक नृत्य और उत्तराखंड राज्य के समृद्धि और खुशहाली के लिए गीतों की बहुत सुंदर प्रस्तुति रही।
कृषि एवं उद्यम सखियों को धरती का डॉक्टर किट और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इसी प्रकार से नॉन फार्म की सभी बहनों को सर्टिफिकेट के साथ B-POS मशीन प्रदान की गई। स्वामी रामदेव महाराज के पावन आशीर्वाद और आचार्य बालकृष्ण के धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य आजीविका मिशन के एडिशनल सीईओ प्रदीप पाण्डे, स्टेट मैनेजर रोहित, मिशन मैनेजर सुश्री शीतल चौहान, पतंजलि संस्था के वरिष्ठ एन.सी. शर्मा, पतंजलि योगपीठ की क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल व पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन की पूरी टीम उपस्थित रही।