धामों के नामों का दुरुपयोग करने पर कड़े कानून बनाने पर मुख्यमंत्री धामी का अभिनंदन करेंगा संत-समाज…

हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में चारों धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने एवं कार्रवाई के लिए कड़े कानून बनाने को लेकर जारी हुए प्रस्ताव पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों, महामंडलेश्वर और महंतों ने बैठक कर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से चारधामों के साथ अन्य ट्रस्ट या समितियों के नाम का कोई दुरुपयोग नहीं कर सकेगा। संतों एवं महंतों ने इस ऐतिहासिक निर्णय पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन करने का निर्णय लिया। इसे लेकर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल को ज्ञापन सौंपा।
कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की कपिल वाटिका में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंडलेश्वर और महंतों की बैठक परिषद के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता महामंडलेश्वर बाबा हठयोगी के नेतृत्व में हुई। बाबा हठयोगी के साथ महामंडलेश्वर एवं महंतों ने कहा कि उत्तराखंड के चारधामों के नाम पर कुछ स्थानों पर कुछ कथित लोग धामों के नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट, समिति एवं अन्य संस्थान बनाने का काम कर रहे हैं। जिससे आमजन की धार्मिक भावना आहत हो रही है और असमंजस्य की स्थिति पैदा हो रही है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड के धामों का नाम प्रयोग करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून प्रस्ताव जारी किया है, जोकि अपने में ऐतिहासिक है। इस कानून के बनने से धामों के नामों का प्रयोग करने वालों पर कार्रवाई होगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्णय की सराहना करते हुए उन्हें संत समाज की ओर से उनका अभिनंदन करने करने का निर्णय लिया। परिषद ने देश की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने में सहयोग करने वाले इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद ज्ञापित किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सनातन धर्म के लिए हमेशा समर्पित है और जनता की भावना आहत नहीं होने दी जाएगी, इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निर्णय ऐतिहासिक है।
इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद, महंत देव गिरी, महंत सूर्यमोहन गिरि, महंत विष्णु दास, महंत रामेंद्र पुरी महाराज, महंत महेश गिरि, महंत विनोद पुरी, महंत प्रेमदास, युवा साधु समाज के महामंत्री महंत रविदेव शास्त्री, महंत प्रमोद दास, महंत सीताराम दास, महंत प्रहलाददास, महंत कन्हैयादास, महंत भगवत भारती, महंत गिरिजानंद महाराज, मंहत सुतिक्षण मुनी, महंत कृष्णानंद पूर्व विधायक संजय गुप्ता आदि शामिल हुए।

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