बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में संतों ने निकाल विरोध मार्च…
हरिद्वार। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में संत समाज ने श्रवणनाथ नगर स्थित उछाली आश्रम से हरकी पैड़ी तक पैदल मार्च निकाला और संयुक्त राष्ट्र संघ से बांग्लादेश के हिंदुओं का अलग देश बनाने और उन पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने की मांग की। पैदल मार्च में हिंदू समाज, राष्ट्रीय व्यापार मंडल सहित कई सामाजिक संस्थाएं शामिल हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा हठयोगी और संचालन संजीव चौधरी ने किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दूओ पर हो रहे अत्याचार से पूरी दुनिया के हिन्दुओं में भारी रोष है। यदि तत्काल हिन्दू विरोधी दंगे ना रुके तो संत समाज बांग्लादेश जाने से भी पीछे नही हटेगा। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गो ने एक होकर एकता का प्रदर्शन किया। दुनियों में कहीं भी हिंदूओं पर अत्याचार होते हैं तो हिंदू समाज इसी प्रकार एकजुट होकर विरोध में आवाज बुलंद करेगा। महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश ने कहा कि हिन्दू समाज अब कहीं भी हिन्दूओ पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर मे हिन्दुआंे को निशाना बनाया जा रहा है। संत समाज सभी हिन्दू समाज को साथ लेकर अब बड़े निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटेगा। बाबा हठयोगी ने कहा कि जब तक हिन्दू समाज मौन होकर अपने भाई बहनों को लूटते-पीटते देखता रहेगा। तब तक समाज का भला नही होने वाला है। सब को अब धर्म रक्षा को पहले स्थान पर रखना पड़ेगा। जब धर्म बचेगा तब ही सब कुछ बचेगा और हम शान के साथ जीवन जी पायेंगे। नहीं तो सब मिट जाएगा। महंत ऋषिश्वरानन्द व महामण्डलेश्वर प्रबोधनन्द ने कहा कि बांग्लादेश में अब हिंदू सुरक्षित नहीं रह सकता है। इसलिए बांग्लादेश के हिन्दूओ को अग़ल देश बना कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह संगठन जो अन्य धर्मों की छोटी छोटी बातो पर प्रतिकार करते हैं आज मौन बैठे हैं। संजीव चौधरी ने कहा कि हिन्दू किसी धर्म के लोगो के साथ ग़लत व्यवहार नही करता है। लेकिन हिन्दू समाज पर भी कोई अत्याचार करे ये भी बर्दाश्त नही किया जाएगा। अब हिन्दू चुप हो कर नहीं बैठेगा। विरोध प्रदर्शन मे मुख्य रूप से महामण्डलेश्वर हरिचेतनान्द, विष्णु दास, संजीव चौधरी, प्रांत संयोजक बजरंग दल अनुज वालिया, विनोद महाराज, रविदेव शास्त्री, महंत गंगादास, गोविन्द दास, देवानन्द सरस्वती, महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, रामविशाल दास, पंकज स्वन्नि, सुदिश श्रोत्रीय, हरविन्दर सिंह, सत्यनारायण शर्मा, जगजीत सिंह, पुरुषोत्तम शर्मा, कठिया बाबा, गगन देव, प्रहलाद दास, पंडित अधीर कौशिक, सचिन चहल, स्वामी दिनेश दास, सीताराम दास, रामानन्द, योगेशानंद सहित कई सामाजिक व धार्मिक संगठन व आम लोग शामिल रहे।