सोशल मीडिया पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन को लेकर किए जा रहे भ्रामक प्रचार का संतो ने किया खंडन, अखाड़ा करने जा रहा है बड़ी कार्यवाही, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। सोशल मीडिया पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत रघुमुनि महाराज व अन्य संतों पर लगाए जा रहे आरोपों को अखाड़े के संतों ने बेबुनियाद और आधारहीन बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अखाड़े में आयोजित प्रैसवार्ता के दौरान महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अखाड़े के संतों के खिलाफ भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया के जरिए संतों को लगातार शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे सोचे-समझे षड़यंत्र के तहत अखाड़े के संतों की छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है। संतों को बदनाम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
कोठारी महंत दामोदर दास एवं महामण्डलेश्वर स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व मुखिया महंत रघुमुनि महाराज पर सोशल मीडिया पर झूठे आरोप लगाकर अखाड़े और संत समाज की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है। सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अखाड़े को ब्लैकमेल कर धन ऐंठने के लिए अर्नगल आरोप लगाए जा रहे हैं। आरोप लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुकामी महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि संतों पर झूठे आरोप लगाने का चलन सा बन गया है। इसके खिलाफ संत समाज को एकजुट होना होगा।
उन्होंने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अपने सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज सेवा में निरंतर योगदान कर रहा है। अखाड़े और संतों के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर धर्म को हानि पहुचाने वालों के खिलाफ अखाड़े की और से कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संत समाज का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ओर डीजीपी अशोक कुमार से भी मिलेगा।
इस दौरान स्वामी हरिचेतनानंद, महंत दामोदर दास, स्वामी संतोषानंद, महंत दर्शन दास, महंत गोविंद दास, महंत जसविन्दर सिंह, महंत अमनदीप सिंह, मुकामी महंत निर्मल दास, महंत अग्रदास, स्वामी कपिल मुनि, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी हरिहरानंद, महंत दिनेश दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत जयेंद्र मुनि, महंत प्रेमदास, महंत रामदास, महंत गंगादास उदासीन, महंत प्रकाश मुनि, सहित बड़ी संख्या में अखाड़े के संत मौजूद रहे।