कांवड़ मेले में प्रधानमंत्री मोदी की कांवड़ बनी आकर्षण का केंद्र, बागपत के रहने वाले दो सगे भाई क्यों लेकर गए मोदी की कांवड़, जानिए…

हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ मेले की धूम है। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए हर की पैड़ी से गंगाजल भरकर अपने-अपने गंतव्य को तो लौटते ही हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में कांवड़ के जरिए संदेश देने का चलन भी बढ़ा है।

कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में भव्य और आकर्षक कांवड़ देखी जा रही हैं, जिसमें कोई राम मंदिर मॉडल की कांवड़, कोई कांवड़िया सोमनाथ मंदिर की कांवड़ तो कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिमा को ही कांवड़ के रूप में ले जा रहा है। दिन के समय भव्य मंदिरों के मॉडल वाली कांवड़ लोगों का ध्यान खींचती हैं, तो वहीं रात के समय लेजर लाइटों से जगमग आकर्षक कांवड़ मन को मोह लेती हैं। कांवड़ को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए शिव भक्त खुलकर पैसा भी खर्च कर रहे हैं। धूमधाम से निकल रही ये कांवड़ें एक-दो से 30 – 40 लाख रुपए तक की लागत की बताई जा रही हैं।

भगवान शिव के नाम की कांवड़ लेने तो लाखों लोग पहुंच रहे हैं। वहीं कुछ सनातनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व और देशहित के काम से इस कदर प्रभावित हैं कि प्रधानमंत्री की प्रतिमा को कंधे पर बैठा कर ही कांवड़ लेने पहुंचे हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से पहुंचे कांवड़ियों का दल हरिद्वार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कांवड़ लेकर रवाना हुआ। कांवड़ियों के दल के दो भाइयों में से एक ने प्रधानमंत्री की प्रतिमा को कंधे पर बैठाया जबकि दूसरा भाई भगवान शंकर की प्रतिमा के साथ जल लेकर रवाना हुआ। मोदी समर्थक कांवड़िए का कहना है कि राम मंदिर निर्माण के बाद ही उन्होंने मोदी के नाम की कांवड़ ले जाने की ठान ली थी।

इस समय हरिद्वार में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है और यहां आस्था के कई कई नजारे देखने के लिए मिल रहे हैं। हर कोई अपनी श्रद्धा और क्षमता के मुताबिक कांवड़ लेने पहुंच रहा है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के कट्टर समर्थक भी अनोखी कांवड़ों के जरिए लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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