प्रेस वार्ता। सुराज सेवा दल के अध्यक्ष रमेश जोशी ने जल विद्युत निगम के भ्रष्टाचार की खोली पोल, दिया ज्ञापन,जानिए

देहरादून। सुराज सेवा दल ने जल विद्युत निगम के अधिकारियों के ही संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार एवं सरकारी धन की बंदरबांट के खुलासे को करते हुए सुराज सेवा दल के अध्यक्ष रमेश जोशी ने आज प्रेस वार्ता कर बताया कि किस तरीके से जल विद्युत निगम के अधिकारियों द्वारा इस प्रदेश को लूटा खसूटा जा रहा है जल विद्युत निगम के महानिदेशक को अपना विरोध व्यक्त कर हमारे कार्यकर्ताओं ने अपना ज्ञापन भी उन को सौंप दिया है जिस पर जांच कमेटी भी बना दी गई है जोशी ने बताया कि आज अगर महंगाई बढ़ रही है तो इसमें सबसे बड़ा हाथ इन भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों का है जो आम जनमानस का सरकारी पैसा इस तरह से लूट रहे हैं! इस अवसर पर सुराज सेवा दल के राजेंद्र पन्त, दीपक शर्मा, राज शर्मा प्रकाश चंद्र मौजूद रहे!

विभाग को दिया गया ज्ञापन

सेवा में
श्रीमान महानिदेशक जल विद्युत निगम
देहरादून उत्तराखंड

विषय:- कुछ अधिकारियों व ठेकेदारों से मिलीभगत कर सरकारी धन की बंदरबांट के संबंध में!

महोदय
इस प्रकार है कि कुछ अधिकारियों व ठेकेदार पराग जैन के साथ मिलकर नियम कानून को ताक पर रखकर निविदाओं में ठेकेदार के अनुसार शर्तें लगाकर निविदाओं को दे दिया जाता है! और यदि निविदाओं को घटे दरों पर प्राप्त की जाती है तो उसमें 30 से 40% वेरिएशन कर उनके नुकसान की भरपाई कर दी जाती है! विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को निजी लाभ पहुंचाने की नीयत से फर्जी सर्टिफिकेट तक निर्गत किए गए! जिससे कि ठेकेदार द्वारा अन्य विभागों में उसी सर्टिफिकेट से कार्य भी प्राप्त किया गया! अन्त में उक्त अधिकारी को माननीय न्यायालय ने गलती से सर्टिफिकेट दिया जाना मान लिया था! तत्पश्चात दूसरी बैंच में एक फर्जी दस्तावेज जिससे कि इन की कार्यशैली की पोल जगजाहिर हो चुकी है! उक्त के संबंध में हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा माननीय सी.जी.एम.कोर्ट में वाद भी प्रस्तुत किया गया! माननीय न्यायालय द्वारा उक्त अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरुद्ध एफ आई आर के आदेश भी दिए गए! और 25 मार्च 2022 को माननीय कोर्ट द्वारा
1.श्री पराग जैन
2.श्री एम एस अधिकारी
3.श्री अरुण तोमर
4.श्री अनूप चौहान
5.श्री विनोद भाकुनी
इन सभी के ऊपर भारतीय दंड संहिता के तहत 420,409,467,468,471,120 बी, के तहत मुकदमा भी दर्ज हो चुका है! एवं मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी उक्त अधिकारी खुलेआम घूम रहे हैं! और अपने पद पर बने हुए हैं !
अतः प्रदेश हित राजस्व हित एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए आपसे अनुरोध है! कि उक्त अधिकारियों के संबंध कर निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा ठेकेदार के चलते कार्यों को रोक दिया जाए! साथ ही इनके भुगतान पर रोक भी लगाई जाए!
धन्यवाद
भवदीय राजेंद्र पन्त

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