ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में हुआ प्लास्टिक मुक्त गंगा सम्मेलन का आयोजन…
उत्तराखण्ड / सुमित यशकल्याण।
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में ‘सेंटर फॉर ग्लोबल अफेयर्स एन्ड पब्लिक पॉलिसी’ की ओर से प्लास्टिक मुक्त गंगा विषय पर बुद्धिजीवियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हेस्को के संस्थापक पदम् भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि प्रकृति का असन्तुलित दोहन मानव जीवन पर भारी पड़ रहा है। इसे गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण विद एवं सामाजिक चिंतक विनोद जुगलान ने कहा कि संकल्प सिद्धि और सामूहिक प्रयासों ही गंगाजी की निर्मलता और अविरलता सम्भव है। उन्होंने कहा कि परमार्थ में कार्यक्रम के आयोजन की सफलता तभी सम्भव है जब सभी लोग यहाँ से परमार्थ (लोक कल्याण) का संकल्प लेकर लौटें।
इस अवसर पर सुपसिद्ध श्रीमद कथा वक्ता वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि सनातन संस्कृति में गौ, गंगा और गीता, गायत्री और गणेश जी की स्तुति के साथ-साथ इन्हें संस्कारों में ढालने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल के संचालन में चले प्रथम सत्र में वैदिक ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारी आचार्य शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि प्रकृति हो या गंगाजी दोनों ही मातृ रूपेण हैं। इनके संरक्षण और सम्मान के बिना शिक्षा अधूरी है। जीआईजेड जर्मनी की संस्था के तकनीकी सलाहकार नितेश चंद्राकर और वेस्ट वारियर्स के सम्प्रेषण निदेशक ने संयुक्त रूप से माना कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता से ही ऐसे अभियानों में सफलता पाई जा सकती है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्राण्ड अम्बेसडर डॉ. मनु शिवपुरी ने कहा कि सिर्फ सफाई करने के साथ हमे इसके मूल स्रोत पर भी पैनी करवाही करनी आवश्यक है। प्लास्टिक का मूल स्रोत से ही हमे विकल्प उपलब्ध होने चाहिए। अपनी स्वरचित संदेश जो कि गंगा घाटों पर प्रसारित किया जा रहा है के माध्यम से गंगा में प्लास्टिक और कपड़े फेंकने वालों को ऐसा न करने का जागरूकता संदेश देते हुए कहा कि पतित पावनी गंगाजी हमारी माँ है। इनके हृदय को दूषित न करें।
नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने कहा कि गंगा हम सबकी माँ है। गंगा स्वच्छता की जिम्मेदारी भी है।खासकर गंगा किनारे रहने वाले हर वर्ग के लोगों की जिम्मेदारी है कि हम गंगाजी को स्वच्छ रखें। नालियों और सड़कों पर कूड़ा न डालें यह बहते हुए गंगाजी में जाकर मिलता है। कार्यक्रम के संयोजक पीआईबी के संयुक्त निदेशक शान्तनु प्रताप सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में सामाजिक और निजी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं स्थानीय हितधारकों के अलावा जनप्रतिनिधियों, सरकारी संस्थाओं के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। गंगा स्वच्छता से जुड़ी प्लास्टिक मुक्त गंगाजी की इस योजना में भारत की सबसे कम उम्र नौ वर्ष की मणिपुर निवासी जलवायु कार्यकर्ता लिसी, प्रिया सहित अभियान से जुड़ी डॉ. मानसी, बाल भार्गव, जसमीन ढींगरा, मोनिका, इंजि. अर्क शर्मा (स्टेट सचिव एआईसीपीओ उत्तराखण्ड) हेमंती सहित बड़ी संख्या में अनुसंधान कर्ता छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
पीआईबी के संयुक्त निदेशक शान्तनु प्रताप सिंह ने बताया कि ऋषिकेश में आयोजित दो दिवसीय इस कार्यक्रम का समापन बंगलादेश के ढाका में आयोजत सम्मेलन में किया जाएगा। रिसर्च टीम गंगाजल की गुणवत्ता जाँच के लिए भिन्न-भिन्न स्थानों पर जाकर गंगाजी के जल वाटर सेम्पल एकत्रित कर यह पता लगाएंगे कि गंगाजल में किस स्थान पर कितना प्रतिशत घातक प्लास्टिक और रसायन कण विधमान है। गंगा जी की स्वच्छता के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आयोजित दो दिवसीय एक्सपो में पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति चिंतन करने वाले देश-विदेश के चिन्तक उपस्थित रहे। इससे पूर्व रामझूला के समीप गंगा तट पर पर्यावरण प्रेमियों ने शशिकांत श्रीवास्तव और आशुतोष सिंह के संयुक्त संयोजन में गंगा स्वच्छता अभियान चलाया जिसमें परमार्थ निकेतन स्थित संस्कृत विद्यालय के ऋषि कुमारों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। मौके पर ढाई कुन्तल प्लास्टिक वेस्ट एकत्रित कर निस्तारण के लिए भेजा गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के जिला सूचना प्रसारण विभाग की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यावरण विद विनोद जुगलान के जल संरक्षण संदेश पर फिल्माई गयी लघुफिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।