शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी के अवसर पर श्री मनसा देवी मंदिर में चल रहे अनुष्ठान के समापन पर महायज्ञ का हुआ आयोजन…

हरिद्वार। गुरुवार शाम को शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी के अवसर पर श्री मनसा देवी मंदिर में विश्व एवं देश की खुशी और सुख समृद्धि के लिए चल रहे अनुष्ठान के समापन पर महायज्ञ आयोजन हुआ।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रि के आठवें दिन को महाअष्टमी कहा जाता हैं। मां दुर्गा के नौ रुपों में महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है, इस स्वरूप को कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान करने वाली, समृद्धि और सुख का वरदान देने वाला माना जाता है।
मां की पूजा-अर्चना से सुख-शांति, यश, वैभव और मान-सम्मान प्राप्त होता है। महाअष्टमी के दिन महागौरी की पूजा होती है। सुंदर, अति गौर वर्ण होने के कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है।
मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं। कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिसके चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है।
मां की चार भुजाएं हैं। मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है।
श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है। महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। समस्त पापों का नाश होता है। सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है।
मंदिर के ट्रस्टी अनिल शर्मा और दिगंबर राजगिरि ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मंदिर में विशेष अनुष्ठान चल रहा था, जो आज महायज्ञ के साथ संपन्न हो गया। यज्ञ में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और देवी माँ से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के साथ यज्ञ में आहुतियाँ दीं, जिससे मंदिर परिसर का वातावरण और भी पवित्र एवं दिव्य हो गया।

यज्ञ में डिप्टी कलेक्टर लक्ष्मी चौहान, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, ट्रस्टी अनिल शर्मा, दिगंबर राजगिरि, महेश दुबे आदि लोग शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!