भगवान शिव को जल अर्पित करने से होती है शुभ फल की प्राप्ति -श्रीमहंत रविंद्रपुरी।
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सावन में भगवान शिव को जल अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को प्रसन्न रखने के लिए सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखकर उनकी पूजा करें। भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है। चरण पादुका मंदिर में आयोजित कांवड़ सेवा शिविर के दौरान श्रद्धालु भक्तों को सावन में शिव आराधना का महत्व बताते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सावन और भगवान शिव के मध्य एक विशेष संबंध है। वैसे तो साल के बारह महीने शिव आराधना की जाती है। लेकिन सावन में शिव आराधना का महत्व बढ़ जाता है। क्योंकि सावन में श्री हरि के शयन पर चले जाने के बाद चार माह तक सृष्टि संचालन का दायित्व भगवान शिव पर होता है। सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था। भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर सृष्टि की रक्षा की थी। विष के प्रभाव से भगवान शिव को हुए ताप को कम करने के लिए देवराज इंद्र ने उन पर घनघोर वर्षा की और समस्त देवी देवताओं ने भी उनका जलाभिषेक किया। तब से ही भगवान शिव का जलाभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। जलाभिषेक से प्रसन्न होकर भगवान शिव भक्तों को मनवांछित प्रदान करते हैं। अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी कमलेशानंद, स्वामी शुभम गिरी, प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा, भोला शर्मा, राकेश गोयल आदि मौजूद रहे। इस दौरान दिल्ली से आए युवा हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सिंह राठौर, महामंत्री विनीत कुमार, अमित त्यागी, सचिन चौहान, रविंद्र कुमार, अमित यादव, राजेंद्र मोटल, मनोज यादव भूषण शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर और भगवान गणेश की प्रतिमा भेंटकर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।