एनटीसीए ने दिए राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के चिल्ला सहित सभी गेट बंद करने के आदेश, सैलानी अब नहीं कर पाएंगे वन्य जीवों के दीदार…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। राज्य का वन महकमा एक बार फिर चर्चाओं में है। शुक्रवार देर शाम एनटीसीए के एक पत्र ने राज्य के वन महकमे पर सवालिया निशान लगा दिए है। मामला राज्य वन महकमे के राजाजी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है। एनटीसीए ने एक पत्र जारी कर राजाजी के सभी गेट अनिश्चित काल तक बंद कर दिए है। दरसल कुछ दिनों पूर्व राज्य वन महकमे के एक आला अफसर ने नियमों के विपरीत जाकर पार्क की मोतीचूर व चीला ट्रैक पर नए पर्यटन सफारी मार्ग खोल दिये थे। इसके साथ ही इन हाकिम साहेब ने चीला व मोतीचूर के नियमित पर्यटन ट्रैकों को भी समय पूर्व खोलने के आदेश दिए थे, हाकिम के इस फैसले के बाद पार्क महकमे को भी नतमस्तक हो कर इन ट्रैकों को खोलना पड़ा था। सबसे बड़ा सवाल है कि बिना एनटीसीए की अनुमति के कोर व बफर क्षेत्रो में स्थित इन नियमित गस्ती ट्रैकों को क्यों खोला गया? आखिर ये हाकिम किस के दबाव में यह फैसले कर रहे थे। पार्क की मोतीचूर व चीला का नया पर्यटन मार्ग कोर एरिया कहलाता है। बिना वर्किंग प्लान व एनटीसीए की अनुमति के ये ट्रैक क्यो निर्मित किये गए। वहीं दूसरी ओर सवाल ये भी है कि समय से पूर्व चीला व मोतीचूर नियमित पर्यटन मार्गो को भी क्यों खोल दिया था।

वहीं एनटीसीए के इस पत्र के बाद अब वह महकमे में हड़कम्प मच गया है। पार्क के इन सभी गेटो को बंद कर दिए जाने से अब यहां आने वाले पर्यटकों को मायूसी झेलनी पड़ेगी। मगर सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर एक आला अफसर द्वारा एनटीसीए के मानकों को दरकिनार करने की हिम्मत कैसे हुई? जाहिर सी बात है कि कोई न कोई बड़ा दबाव जरूर रहा होगा जो उन्हें भी नियमो के विपरीत जाना पड़ा। मगर अब सरकार को एनटीसीए के इस पत्र के बाद जल्द ही जांच कर कठोर कार्यवाही करनी होगी। 

“पत्र के बाद अग्रिम आदेशो तक पार्क के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं” -डी.के.सिंह, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व ।

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