कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी को कानूनी नोटिस, जानिए मामला…
हरिद्वार। मदन कौशिक के खिलाफ शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा शुक्रवार के दिन कथित आरोपों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद आज रोशनाबाद कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदोरिया ने उन्हें कानूनी नोटिस भेज कर कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। नोटिस में सतपाल ब्रह्मचारी के खिलाफ सक्षम न्यायालय में वाद दायर करने की भी चेतावनी दी गई है।
नोटिस का मजमून_पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका हरिद्वार वरिष्ठ कांग्रेसी पार्टी नेता श्री सतपाल ब्रह्मचारी के द्वारा कल एक धरने का आयोजन देवपुरा तिराहे के पास किया गया था जिसमें सतपाल ब्रह्मचारी जी द्वारा हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक श्री मदन कौशिक के बारे में यह बताया जाना उनके द्वारा आश्रमों की भूमि को खुर्दबुर्ध किए जाने के संबंध में सीबीआई की जांच कराए जाने की मांग किया जाना और उक्त बयान पोर्टल और फेसबुक में प्रकाशित करके हरिद्वार के विधायक श्री मदन कौशिक के विरुद्ध झूठे तथ्यों से वह मनगढ़ंत तथ्यों से सोशल मीडिया में बयान दिया। जबकि अरुण भदोरिया एडवोकेट द्वारा अपने नोटिस में मदन कौशिक के द्वारा किए गए कार्यों की मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर में भल्ला कॉलेज के पास स्टेडियम इंदौर आउटडोर , राजकीयडिग्री कॉलेज भूपतवाला, हाईवे रिंग रोड ,अंडर ग्राउंड पानी ,गैस पाइपलाइन के कार्य ,साथ में अनेक गरीब लड़कियों की शादी अनेक गरीब लोगों की पेंशन के कार्य कराने के कारण अपनी भावनाओं को मदन कौशिक के साथ जुड़ा होना बताया है और साथ ही सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा दिए गए उक्त बयान के संबंध में अपने नोटिस में यह भी जानकारी अरुण भदोरिया एडवोकेट ने मांगी है जो बयान सोशल मीडिया में व फेसबुक के जरिए आपके द्वारा वायरल किया गया है उसमें सबसे पहले तो यह स्पष्ट करें कि यह जमीन कौन सी है ,और कहां पर स्थित है, और इन भूमियों का खसरा नंबर क्या है ,और कौन-कौन सी भूमि खुर्द हुई है ,कौन खरीदने वाले लोग हैं ,कौन बेचने वाले लोग हैं, और उक्त भूमियों में स्थानीय विधायक श्री मदन कौशिक का क्या कार्य रहा है और यह भी स्पष्ट करें कि किसके कहने पर किसके इशारे पर सतपाल ब्रह्मचारी जी ने मदन कोशिक पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान विधायक पर झूठा इल्जाम लगाकर अपने सहित समस्त उत्तराखंड वासियों की भावनाओं को आघात पहुंचाने का कार्य किया है और यह भी स्पष्टीकरण अपने नोटिस में मांग की है कि आप कानून के जानकार होने के बावजूद कोई कानूनी कार्रवाई अखाड़े की जमीन को ,खुर्द खुर्द ना हो इस संबंध में धारा 92 सीपीसी के तहत मुकदमा क्यों नहीं कर पाए ताकि अखाड़ों की कोई संपत्ति विक्रय ना हो ।नोटिस का जवाब नोटिस मिलने के 3 दिन के अंदर अंदर मांग की है साथ ही जो भूमि को खुर्द किए जाने का गलत आरोप लगाकर सीबीआई जैसी संस्था की मांग करके सोशल मीडिया में वायरल करके समस्त उत्तराखंड वासियों की भावनाओं को आघात पहुंचाना और उपरोक्त सभी तथ्यों का स्पष्टीकरण दिया जाना सुनिश्चित किया जाए और जो झूठे कथन हैं उनका तुरंत खंडन किया जाना सुनिश्चित करें साथ ही समुचित जवाब ना दिए जाने पर समुचित धाराओं में सक्षम न्यायालय में वाद दर्ज कराए जाने के लिए भी चेतावनी दी गई है