पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को हरिद्वार से भेजा गया कानूनी नोटिस, जानिए मामला…
हरिद्वार। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को हरिद्वार के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदोरिया द्वारा कानूनी नोटिस भेजा गया है। नोटिस में अरुण भदौरिया द्वारा बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमारे देश के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ आपने जो बयान दिया है उस आपत्तिजनक लफ्जो का इस्तेमाल करते हुये आपने कहा “मैं माननीय विदेश मंत्री और दा मिनिस्टर फोर एक्सटर्नल अफेयरस आफ इण्डिया को याद दिलाना चाहूँगा कि ओसामा बिन लादेन मर चुका है लेकिन गुजरात का कसाई जिन्दा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है। आरएसएस क्या है? आरएसएस को अपनी प्रेरणा हिटलर के एसएस से मिली है। भारत के अन्दर आतंकवाद को कौन लगातार बनाये हुये है? क्या ये पाकिस्तान है? गुजरात के लोगो से पूछिए कि वो कहेंगे कि वो उनके प्रधानमंत्री है”। इससे पूर्व आपकी माता जी श्रीमति बेनजीर भुट्टो भी सन 1990 में हमारे देश भारत के खिलाफ काफी आपत्तिजनक ब्यान देती रही है आपसे भी अच्छे संस्कृति वाले बयान की उम्मीद कतई हमे नही रही है. क्योंकि ये आपके वंश में चला आ रहा है।
यह कि आपके इस आपत्तिजनक असंस्कृति वाले ब्यान से पूरे विश्व में पाकिस्तान की छवि और खराब हुई है ऐसा विश्व के समाचारो से पता चला है और आपके द्वारा सीधे हमारे देश के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए व आरएसएस जैसी कर्मठता व अनुशानात्मक संघ के खिलाफ आपने अत्यन्त आपत्तिजनक ब्यान देकर पूरे विश्व में धार्मिक उन्माद बढ़ाने का कार्य किया है जो कि हमारे देश में मेरे सहित आपके ब्यान को और आपकी पाकिस्तान की मीडिया के विचारों को हमने अपने निवास स्थान मे अपने टी.वी. पर व मोबाईल पर देखा व पढा है और आपके द्वारा किया गया कृत्य जो कि आपके नियम व कानून से विरूद्ध है।
अतः कानूनी नोटिस द्वारा आपको सूचित किया जाता है कि आपके द्वारा दिया गया आपत्तिजनक बयान जो महज धार्मिक उन्माद को बढ़ाने का है, जिससे सम्पूर्ण विश्व में आतंकवाद को बढाना रहा है क्यों ना आपके विरूद्ध भारत देश में सक्षम धाराओ मे सक्षम न्यायालय में / अर्न्तराष्ट्रीय न्यायालय हेग में सम्बन्धित धाराओ मे अभियोग पंजीकृत कराने की बाबत 15 दिन के भीतर-भीतर स्पष्टीकरण दिया जाना सुनिश्चित करे। भविष्य में ऐसे आपत्तिजनक कृत्य की पुनरावृति करने का विचार भी दिमाग मे ना लाये, अन्यथा सक्षम न्यायालय में सक्षम धाराओ मे आपके विरूद्ध अभियोग दर्ज कराया जायेगा। जिसमें होने वाले हर्जे व खर्चे के आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
इससे पूर्व भी सन 2006 में अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और उनकी पत्नी लारा बुश भारत के दौरे पर आए थे तो महात्मा गांधी की समाधि पर जब यह दोनों अपनी सिक्योरिटी के साथ गए तो वहां पर महात्मा गांधी की समाधि पर कुत्ते को घुमाया गया और उस कुत्ते को यह देखते हुए कि वह कुत्ता गंदा रहता है शराब उसको पिलाई जाती है नॉनवेज उसको खिलाया जाता है वह शरीर की गंदगी पैर नंगे घूमता है वह पॉटी साफ नहीं करता है कोई, इन सब बातों को देखते हुए अरुण भदोरिया एडवोकेट ने जॉर्ज बुश और उनकी पत्नी लारा बुश को कानूनी नोटिस द्वारा अंबेसी अमेरिका भेजा था और उसके 14 दिन बाद हरिद्वार न्यायालय में श्री अमित सिरोही जुडिशल मजिस्ट्रेट के समक्ष केस दायर भी किया था जिसमें बाद में यह जानकारी आई थी कि राष्ट्रपति व राजदूत मुकदमों से माफी योग्य होते हैं तब न्यायालय ने निस्तारण किया था।