कुंभ मेला कोरोना टेस्टिंग घोटाला। जिलाधिकारी ने दिल्ली की इस लैब के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिये आदेश, जानिये…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं। इस मामले में दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पंजाब के रहने वाले व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत के बाद ये कार्रवाई की गई है।
हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना जांच के नाम पर हुए फर्जीवाड़े मामले की जांच के लिए 10 लैब को इनपैनल्ड किया गया था। इनमें डॉ. लाल चंदानी लैब और नलवा लैबोरेट्रीज पर सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा करने की आशंका है। देहरादून में इस मामले की जांच के बाद प्रशासन द्वारा हरिद्वार जिला अधिकारी को जांच करने के दिए थे। जिसके बाद जिलाधिकारी सी. रविशंकर द्वारा तीन सदस्यों की बनाई गई। जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि सीएमओ डॉ. एस. के. झा को उक्त कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश देर रात ही दे दिए गए हैं। आज डॉ. झा. द्वारा उक्त कंपनी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जाएगी।
ऐसे खुला कोरोना जांच घोटाला
हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक LIC एजेंट के माध्यम से हुआ है। पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपिन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली। विपिन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था जिसमें उन्हें बताया गया कि “आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है”, जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए।
उन्होंने इस घटना की शिकायत आईसीएमआर से की और कहा कि उसके आधार और मोबाइल नंबर का फेक टेस्ट के लिए गलत इस्तेमाल हो रहा है। बाद में आईसीएमआर ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अफसर को इसकी जानकारी दी। बताया गया है कि उत्तराखंड के इस अफसर ने कुंभ मेले में टेस्टिंग की जिम्मेदारी निभाने वाली प्राइवेट लैब की रिपोर्ट्स की जांच की। जब शुरुआती जांच में ही लैब की ओर से कई और लोगों को फेक रिपोर्ट्स देने की बात सामने आई, तब उन्होंने मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए।