अंतर्राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी का समापन…

हरिद्वार। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, गुरुकुल परिसर हरिद्वार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी के निर्देशन एवं प्रो. पंकज शर्मा, परिसर निदेशक गुरुकुल परिसर के मार्गदर्शन में पंचकर्म विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय (18 19 20 मई 2023) का समापन कार्यक्रम शनिवार को चरक प्रेक्षागृह गुरुकुल परिसर में प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज प्रोफेसर योग विभाग गुरुकुल कांगड़ी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मंच पर गुरुकुल परिसर के संस्कृत के प्रोफेसर प्रेमचंद शास्त्री स्वस्थवृत के प्रोफेसर अवधेश मिश्रा, शरीर क्रिया के प्रोफेसर विपिन पांडे एवं सेमिनार के आयोजन सचिव पंचकर्म के प्रोफेसर उत्तम कुमार शर्मा उपस्थित रहे।

आयोजन सचिव प्रोफेसर उत्तम कुमार ने बताया की 03 दिनों की संभाषा में कुल 119 शोध पत्रों का वाचन हुआ एवं 26 अतिथि विद्वानों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। विद्वान वक्ताओं ने पंचकर्म पर अपना चिंतन एवं अनुभव सबके सामने रखा। पंचकर्म के विभिन्न प्रयोगों की शास्त्रीय एवं अनुभूत विधियों की व्याख्या प्रस्तुत की गई। आधुनिक युग में पंचकर्म की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता पर चर्चा की गई। पंचकर्म के प्रयोग में सावधानी और इसे अधिक प्रभावी बनाने हेतु नई तकनीकों एवं औषधियों का विवेचन किया गया।

प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज ने पंचकर्म को शरीर शोधन की वैज्ञानिक एवं प्रभावी प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि पंचकर्म चिकित्सा एवं योग परस्पर पूरक एवम सहायक हैं।

शनिवार को 03 वैज्ञानिक सत्र संपन्न हुए। प्रथम वैज्ञानिक सत्र का संचालन डॉ. सुनीता ने किया। अध्यक्षता प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी निदेशक आयुर्वेद ने की। सहअध्यक्षता अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान दिल्ली के प्रोफेसर अनंतराम शर्मा ने की। मुख्य वक्ता डॉ. रवि शर्मा प्रोफेसर कायचिकित्सा, मदन मोहन मालवीय आयुर्वेद कॉलेज उदयपुर ने आमवात में पंचकर्म की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। मेवाड़ विश्वविद्यालय, चित्तौड़ की ज्योतिष विभाग की प्रोफेसर अंजना जोशी ने ज्योतिष और आयुर्वेद विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

वैज्ञानिक सत्र की अध्यक्षता रस शास्त्र विभाग के प्रोफेसर खेमचंद शर्मा ने की एवं सहाध्यक्षता गुरुकुल के रसशास्त्र विभाग के प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार टम्टा ने की। अतिथि वक्ता के रूप में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान दिल्ली के पंचकर्म विभाग के प्रोफेसर अनंतराम शर्मा ने आधुनिक युग के अनुरूप पंचकर्म के प्रयोग विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की पंचकर्म की प्रोफेसर राजकला ने राजकला ने पंचकर्म के मौलिक प्रयोग एवं विशेषता पर व्याख्यान दिया। सत्र का संचालन डॉक्टर शिखा पांडे ने किया।

तृतीय वैज्ञानिक सत्र में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के रोग विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार शर्मा ने पंचकर्म में प्रयोगशाला परीक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। श्री कृष्णा आयुर्वेद यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के पंचकर्म के प्रोफेसर आशीष मेहता में पीसीओडी में पंचकर्म के प्रभाव पर अध्ययन विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। सह अध्यक्ष डॉ. कार्तिकेय एवं डॉ. दिनेश गोयल ने की।
समापन कार्यक्रम के अंत में सेमिनार के आयोजन सचिव डॉ. उत्तम कुमार शर्मा ने कॉलेज के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक गण, चिकित्सक, उपस्थित रहे।

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