यूसीसी को लागू किया जाना उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण बात -डॉ. मनु शिवपुरी।
हरिद्वार। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर डॉ. मनु शिवपुरी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया जाना उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण बात है। उत्तराखंड ने आज समस्त भारत में प्रदेशों के लिए एक उदाहरण एक मिसाल कायम की है जहां सभी प्रदेश इसे लागू करने में असमंजस की स्थिति में लागू नहीं कर पा रहे थे वहां उत्तराखंड ने सर्वश्रेष्ठ एवं विकास की संभावनाओं में प्रथम पायदान पर स्वयं को साबित कर दिया है। यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा लिया गया निर्णय है। कोई भी देश नागरिकों में भेदभाव अथवा डबल स्टैंडर्ड को मान्यता नहीं देता है, अतः उत्तराखंड ने यह निर्णय लेकर स्वयं को आधुनिक एवं आवश्यक बदलावों में प्रथम पायदान पर खड़ा कर दिया है जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम बड़े परिवर्तनों के लिए लिया जाता रहा है, आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं को इसी शैली पर साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह कानून सब जाति धर्म एवं संप्रदाय के लिए बराबर है इसमें सभी को समान रूप से सभी मामलों में चाहे वह विवाह, तलाक, भरण पोषण, बालक को गोद लेना, संपत्ति में अधिकार आदि कोई भी विषय हो, सब पर सबको समान रूप से न्याय दिया जाएगा और साथ ही यह भी एक समाज के लिए गर्व की बात है कि इसके दायरे में लिव इन रिलेशनशिप को भी रखा गया है, क्योंकि आज आधुनिकता के दौर में लिव इन रिलेशनशिप कई वीभत्स घटनाओं की जिम्मेदार भी बन रही है। जिसका मुख्य कारण परिवार की इस प्रकार से युवाओं के संग रहने की बात से अवगत ना होना मुख्य कारण है। अब यूसीसी में इस विषय को भी इस धारा में रखा गया है अब आवश्यक है कि रिलेशनशिप में रहने से पूर्व रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है, माता-पिता को इसकी जानकारी दी जाएगी। अतः कई बड़ी घटनाओं से युवा सुरक्षित बच सकेंगे और सुरक्षित भी रह सकेंगे क्योंकि परिवार की अभिज्ञता के कारण आए दिन बड़ी से बड़ी घटनाएं घट रही हैं। डॉ. मनु शिवपुरी पुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी बधाई के पात्र हैं, मैं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ओर से उन्हे साधुवाद देती हूं और साथ ही हमारे प्रधानमंत्री दामोदर नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि एवं भविष्य की विकासशील सोच को नमन करती हूं। बेटियो की सुरक्षा के लिए भी यह एक अच्छा कदम उठाया गया है और कोई भी धर्म अथवा जाति के व्यक्ति बिल्कुल भी डर का कारण ना समझे क्योंकि यह एक सामाजिक बुराइयों को दूर करने हेतु उठाया गया आवश्यक एवं विकासशील कदम है।