गणेश जोशी उत्तराखंड में जैविक खेती फलों और उत्तराखंड के मूल खाद्यान्न के क्षेत्र में क्रांति करने के अभियान में जुटे


देहरादून
उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी उत्तराखंड के ऐसे मंत्री है जो जन सरोकारों से जुड़े हैं मंत्री होते हुए आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी को मजबूत बनाने और एक मंत्री के नाते सरकार की जन कल्याण योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं मसूरी विधानसभा क्षेत्र में वे इतने अधिक लोकप्रिय हैं कि आज तक विधानसभा का कोई चुनाव नहीं हारे हैं जनता ने हर बार उन्हें अपार प्यार दिया है सुबह 9:00 बजे पूजा पाठ से निवृत्त होकर वे जन सेवा में जुट जाते हैं और रात 11-12 बजे तक जनसेवा के कार्य में जुटे रहते हैं
जब से गणेश जोशी ने एक मंत्री के रूप में कृषि विभाग की बागडोर संभाली है तब से इस विभाग में कई क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा केंद्र एवं राज्य पोषित योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और आगामी योजनाओं के बारे में चर्चा भी की मंत्री ने कहा केंद्र और राज्य सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभार्थी को भुगतान अधिक से अधिक डीबीटी के माध्यम से किया जाए। कृषि मंत्री ने कहा पौध किसी भी किसानों की आत्मा होती है। उन्होंने अधिकारियों को सुनिश्चित किया कि किसान के पास अच्छी वैरायटी की नर्सरी से पौध उपलब्ध कराए जाए। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि बाहरी नर्सरी के वजाए स्थानीय नर्सरी विक्रेता को प्रथम प्राथमिकता दी जाए। मंत्री ने अधिकारियों को शीघ्र एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए। मंत्री ने समय पर किसानों को पौध उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए उन्होंने अधिकारियों को सरकार की योजनाओं के परिणाम धरातल पर दिखे और किसानो व बागवानों को अधिक से अधिक लाभ हो, यह सुनिश्चित करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को सुनिश्चित किया कि कीवी एवं एप्पल मिशन में सुनियोजित तरीके से कार्य किया जाए ताकि किसान को उसका अधिक लाभ हो। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित किया कि सेब के बॉक्स किसानों को समय पर उपलब्ध हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाए।
मंत्री ने अधिकारियों को खराब हुए फलों के उपयोग लाने के दृष्टिगत फ्रूट वाइन के लिए कार्ययोजना तैयार करने के भी अधिकारियों निर्देशित किया। मौन पालन और चाय के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। अधिकारियों को पूर्ण मनोयोग से योजनाओं को धरातल पर उतराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कृषकों को उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले इसके लिए बेहतर ब्रांडिंग तथा मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। बैठक में मंत्री ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट को लेकर भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सेब के 12 लाख 5 हजार पौधे कीवी के 2 लाख 12 हजार पौध, आडू के 1 लाख 24 हजार पौध पुलम 77 हजार, नींबू,1 लाख 62 हजार पौध और अमरूद के 1 लाख 26 हजार पौध वितरत किए गए। मंत्री जोशी ने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि जब राज्य 25 वर्ष का होगा तो हम अपने उत्पाद को दोगुना करेंगे इस दिशा में प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है।

कृषि मंत्री बोले, स्वच्छिक चकबंदी के लिए दो गाँवों से करे शुरुआत
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने राज्य में मिलेट (श्रीअन्न) के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज लगातार मांग बढ़ रही है। कहा मिलेट्स के उत्पाद को किसान अधिक से अधिक उत्पादन करे इसके लिए सशक्त कार्य योजना बनाई जाए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मिलेट्स के क्षेत्र में जो राज्य बेहतर कार्य कर रहे हैं, वहां जाकर अध्ययन किया जाए और उनके अनुभवों को राज्य में क्रियान्वयन किया जाए। मंत्री ने कहा मिलेट्स किसानों की आय बढ़ाने में यह अहम भूमिका निभायेगा। मंत्री ने कहा दलहन के उत्पादों को भी बढ़ाने के प्रयास किए जाए।
मंत्री ने कहा भूमि की उत्पादक क्षमता बनी रहे ।इसके लिए प्रेस्टीजसाइज का कम से कम इस्तेमाल हो इसके लिए अधिकारियों को एक दीर्घकालिक रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा प्रेस्टीसाइज के इस्तेमाल से उत्पादन तेजी से होता है,लेकिन भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है। मंत्री ने अधिकारियों को प्रेस्टीसाइज का इस्तेमाल कम हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने जैविक खेती, एवं परंपरागत फसलों की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। मंत्री ने अधिकारियों को बंदरों समेत दूसरे वन्य जीवों से फसल क्षति की समस्या के निराकरण के लिए ठोस नीति बनाई जाए। जिससे कृषकों की फसलों के नुकसान को सुरक्षित किया जा सके।
मंत्री ने कहा प्रदेश में एफपीओ अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने एफपीओ को बढ़ाएं जाए जाने के भी अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा जो फसलें विलुप्त हो रही है उन्हें पुनर्जीवित किया जाए। मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री कृषि योजना के पर ड्राप मोर क्राप घटक के अन्तर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल के माध्यम से सिंचाई सुनिश्चित करते हुए कृषकों की भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप / स्प्रिंक्लर ) की स्थापना की जाय। उन्होंने कहा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित की जाय।
मंत्री गणेश जोशी ने स्वैच्छिक चकबंदी हेतु कार्य योजना तैयार करने केभी अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने कहा किसानों की किस प्रकार से अधिक से अधिक मुनाफा हो उस पर विशेष ध्यान दिया जाय। मंत्री ने कहा राज्य सरकार का संकल्प किसानों के कल्याण और उनकी आजीविका में वृद्धि करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

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