देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध, जानिये…
सुमित यशकल्याण।
रुद्रप्रयाग। अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत आज देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत से जुड़ी पंचायतों के तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों व रावलों ने गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध किया।इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी काली पट्टी बांध कर तीर्थ पुरोहितों व उनके परिजनों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की 01 सूत्री मांग को लेकर अपना विरोध जताया ।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चार धामों के अलावा 47 अन्य मंदिरों को भी उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में देवस्थानम बोर्ड के अधीन लाया गया था। इसके बाद से ही चार धामों के तीर्थ पुरोहित व इन मंदिरों से जुड़े हकहकूकधारी आंदोलनरत हैं।
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पहले देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार की बात कही और बाद में 09 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद की मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि देवस्थानम बोर्ड से 51 मंदिरों को मुक्त किया जाएगा।लेकिन विगत दिनों संस्कृति मंत्री व देवस्थानम बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज के पुनर्विचार न किए जाने संबंधी बयान के बाद तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है।
देवभूमि के पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने बताया कि आज तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक तीर्थ पुरोहितों ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा तीर्थ पुरोहितों के परिजनों ने भी काली पट्टी बांधकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की।
बदरीनाथ धाम में डिमरी पंचायत व ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित समिति ने संयुक्त रुप से विरोध दर्ज किया। केदारनाथ में केदारनाथ तीर्थ पुरोहित महासभा, गंगोत्री में गंगोत्री मंदिर समिति व गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा व यमुनोत्री में यमुनोत्री मंदिर समिति व यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा ने अपना विरोध जताया।
इस मौके पर पंडित ज्योतिष डिमरी, विनोद डिमरी, सतीश डिमरी, सुशील डिमरी, केदारनाथ धाम में अंकित सेमवाल, तेज प्रकाश तिवारी, उमेश, शशि, अमित, पंकज, गंगोत्री धाम में दीपक सेमवाल, गंगोत्री के शीतकालीन पूजा स्थल मुखवा में सुरेश सेमवाल, यमुनोत्री धाम व खरशाली में पुरुषोत्तम उनियाल, संदीप उनियाल, अनिल, बृजमोहन आदि के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया।