ऋषिकुल आयुवेर्दिक परिसर में आयोजित किया गया उत्तरांचल दैवीय आपदा पीड़ित सहायता समिति का वार्षिकोत्सव…
हरिद्वार। शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड के तत्वधान में उत्तराचंल दैवीय आपदा पीड़ित सहायता समिति का द्वितीय वार्षिकोत्सव ऋषिकुल ऑडिटोरियम में बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने प्रकल्पों के माध्यम से समाज के हर वर्ग की चिंता करता है। उत्तराखंड में प्रतिवर्ष दैवीय आपदाओं का प्रकोप रहता है। जिसके कारण हजारों लोग घर से बेघर हो जाते है। पीड़ित परिवारों के बच्चों को उज्ज्वल भविष्य देने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि बच्चों के संरक्षण के इस संकल्प को समाज के सहयोग से करने में सभी को अपनी सामर्थ अनुसार आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को गोद लेकर हम उन पर कोई बड़ा एहसान नहीं कर रहे हैं, शास्त्र कहता है हम ऐसा कर के अपना उत्थान कर रहे हैं।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने संघ द्वारा उत्तराखंड में चलाए जा रहे सेवा प्रकल्पों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ अपने प्रकल्प समाज के सहयोग से ही चलता है। इस अवसर पर उन्होंने स्वामी नित्यानंद जी को याद करते हुए कहा नित्यानन्द जी की ही परिकल्पना को आज पहाड़ के दूरदराज क्षेत्रों में साकार रूप दिया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता उधोगपति विकास गर्ग ने की। मंचासीन अतिथियों में समिति के केंद्रीय अध्यक्ष मदन सिंह चौहान, प्रान्त सेवा प्रमुख पवन जी उपस्थित रहे। इस मौके पर क्षेत्र सेवा प्रमुख धनीराम जी, क्षेत्र सेवा कार्यकारिणी सदस्य अनिल जी, जिला संघ संचालक डॉ. यतींद्र नाग्यान, वरिष्ठ प्रचारक सह प्रान्त प्रचारक प्रमुख संजय कुमार, विभाग प्रचारक चिरंजीवी जी, संस्कृत विवि के कुलपति डॉ. दिनेश चंद्र शास्त्री, आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलपति डॉ. सुनील जोशी, योगेश पांडे, पूर्व मुख्यमंत्री सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विभाग सेवा प्रमुख वीर प्रताप चौहान, जिला सेवा प्रमुख हेमन्त सैनी, सह सेवा प्रमुख गुरमीत सिंह, हेमराज जी, देशराज शर्मा, नितिन चौहान, योगेश चौहान, डॉ. जयपाल सिंह आदि मुख्य थे। कार्यक्रम का सञ्चालन जयप्रकाश पांडे ने किया। कार्यक्रम में श्रीचन्द्र कम्प्यूटर केंद्र टिहरी, बाबा केदार छात्रावास, गुप्तकाशी, लक्क्षेश्वर छात्रावास, उत्तरकाशी, दानवीर कर्ण छात्रावास, नेटवाड, सेवाश्रम मनेरी, उत्तरकाशी, श्रीदेवसुमन छात्रावास, कोटि कालोनी आदि सेवा केंद्रों के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।