बीजेपी विधायक पर दुष्कर्म के आरोप मामले में आज हुए 03 नए घटनाक्रम, जानिए…
हरिद्वार ब्यूरो…
हरिद्वार। ज्वालापुर विधानसभा सीट से सीटिंग विधायक एवं चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी विधायक सुरेश राठौड़ पर दुष्कर्म मामले में सोमवार को तीन घटनाक्रम हुए।
सबसे पहले..
विधायक सुरेश राठौड़ ने सोमवार को एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत से मिलकर अपनी राजनीतिक छवि खराब करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की। सुरेश राठौड़ ने तहरीर देकर बताया कि वे ज्वालापुर सीट से बीजेपी के प्रत्याशी हैं और कुछ लोग उनकी छवि खराब करना चाहते हैं, उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ थाना बहादराबाद में झूठा दुष्कर्म का मामला दर्ज है। जिसकी जांच चल रही है उसी का फायदा उठाकर कुछ लोग उनकी छवि को खराब करना चाहते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
दूसरा घटनाक्रम…
विधायक सुरेश राठौड़ पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के वकील भरत सिंह ने सोमवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में एडवोकेट भगत सिंह ने कहा कि विधायक सुरेश राठौर पर दुष्कर्म मामले में अधिवक्ता अरुण भदैरिया द्वारा सीबीआई जांच करने की मांग की गई है। उक्त महिला का मैं अधिवक्ता होने के नाते यह कहना चाहता हूं कि पीड़िता ने बिना किसी दबाव के अपना केस वापस ले लिया है। अब इस मुद्दे को उठाकर उस महिला को अपमानित किया जा रहा है। वह कोर्ट में यह कहने गई थी कि वह इस पर कोई कार्रवाई नहीं चाहती है फिर भी माननीय न्यायालय ने इस मामले में आगे की तारीख क्यों लगा दी। यह बात माननीय न्यायालय ही जानता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को उठाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आपसी समझौता हो गया है तो राजनीतिक दल इस का मुद्दा ना बनाएं।
तीसरा घटनाक्रम…
02 दिन पहले इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने आज राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड देहरादून में एक रिट दायर की है। जिसमें मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून और श्रीमती सुरेखा निवासी बेगमपुर को पार्टी बनाया गया है। मानव अधिकार आयोग में रिट दायर कर अरुण भदौरिया ने एक बार फिर इस मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है। उन्होंने विपक्षी नंबर दो पर विधायक के खिलाफ पहले दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने और बाद में हलफनामा देकर उसमें समझौता करने और फिर कोर्ट में जाकर हलफनामे पर शंका जाहिर करने के आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश आयोग से जारी करने की मांग की है। अरुण भदोरिया ने रीट में लिखा है कि इस तरह के मामलों से समाज के भीतर महिलाओं की छवि भी खराब होने के साथ-साथ पुरुषों के अधिकारों का भी हनन हो रहा है। जिसके लिए उन्होंने आयोग से महिला आयोग की तर्ज पर राज्य में पुरुष आयोग गठन की भी मांग की है। अरुण भदौरिया ने आज महिला के एडवोकेट द्वारा की गई प्रेस वार्ता पर भी रीट में कई सवाल खड़े किए हैं।