शांतिकुंज में खेली गयी आदर्श होली, शांतिकुंज प्रमुखद्वय ने देश विदेश से आये श्रद्धालुओं का किया तिलक…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ होली मनाई गयी। इस दौरान गोबर के कंडों से सजाई गयी होलिका जलाई गयी। शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार ने मिलकर समरसता का पर्व होली की एक दूसरे को बधाई दी। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. पण्डया एवं शैलदीदी ने सभी को यज्ञ भस्म एवं गुलाल भेंट किया।
होलिका दहन के अवसर पर अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि होली संस्कृति का पाठ पढ़ाने आती है। यह समरसता का पर्व है। जाति, वर्ग भेद के उन्मूलन का महापर्व है- होली। होली के अवसर पर दुर्भावों को मिटाने के लिए आगे आने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणत्व (समाज हित में निःस्वार्थ भाव से कार्य करने वाला) के अभिवर्द्धन के लिए पूज्य गुरुदेव ने जो सूत्र दिया है, यह पर्व-आयोजन उस दिशा में एक सार्थक पहल है। श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि मूढ़ मान्यताओं के पूर्वाग्रहों से बचाने के लिए प्रेरित करने वाले पर्व का नाम है होली। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ घुल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली मिलन के अवसर पर आश्रमवासी भाई-बहिनों सहित देश-विदेश से आये सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।