पतंजलि योगपीठ का 28वाँ स्थापना दिवस कार्यक्रम…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ का 28वाँ स्थापना दिवस पतंजलि योगपीठ-।। के योगभवन ऑडिटोरियम में धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में स्वामी रामदेव महाराज व आचार्य बालकृष्ण महाराज ने पतंजलि परिवार के साथ-साथ समस्त देशवासियों को शुभकानाएँ प्रेषित कर स्वदेशी व राष्ट्रप्रेम के आंदोलन में बढ़-चढ़कर सहभागिता करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पतंजलि की योग, आयुर्वेद से प्रारंभ हुई यात्रा आज विविध क्षेत्रों में नित नए कीर्तिमान गढ़ रही है। नवीन औषधियों के निर्माण का विषय हो या स्वदेशी शिक्षा, स्वदेशी चिकित्सा, अनुसंधान, संस्कृति संरक्षण, गौ-अनुसंधान व गौ संरक्षण, सूचना एवं तकनीकी, प्राचीन पाण्डुलिपि आधारित पुरातन ज्ञान का संरक्षण, प्रत्येक क्षेत्र में पतंजलि ने अपना लोहा मनवाया है।
आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि 28 वर्ष पहले रोपित किया एक बीज आज वट वृक्ष बन गया है जिसकी छाया तले लाखों-करोड़ों लोग शिक्षा, स्वास्थ्य तथा समृद्धि पा रहे हैं। यह यात्रा विविध तरह के सघर्षों, प्रतिकुलताओं और असुरीय शक्ति के साथ लड़ते हुए आज इस मंजिल पर पहुँच चुकी है, जहाँ पतंजलि संस्थान योग एवं आयुर्वेद का पूरे विश्व में पर्याय बन चुका है। पतंजलि के प्रति लाखों-करोड़ों लोगों का यह स्नेह हमारी लिए ऊर्जा का कार्य करता है।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण द्वारा रचित ग्रन्थ ‘वर्ल्ड हर्बल इन्साइक्लोपीडिया’ के 20 वॉल्यूम का विमोचन किया गया। इसके साथ ही अब तक इन्साइक्लोपीडिया के कुल 71 वॉल्यूम का प्रकाशन किया जा चुका है। साथ ही ‘क्रॉप वैल्थ ऑफ इण्डिया’ के 04 वॉल्यूम का विमोचन किया गया जिसमें धान की 2500 प्रकार की किस्मों, फलों की 3000 प्रकार की किस्मों तथा सब्जियों की 2000 प्रकार की किस्मों सहित लगभग 187 प्रकार के खाद्यान्न की लगभग 17 हजार किस्मों का वर्णन है। इसके अतिरिक्त संस्कृत तथा अंग्रेजी में प्रकाशित ‘संधित प्रकाश’ जिसमें 72 प्रकार के अचार, ‘सीता पाक्य प्रकाश’ जिसमें 32 प्रकार के मुरब्बे तथा ‘उपलेह प्रकाश’ जिसमें 92 प्रकार की चटनी बनाने की विधि का वर्णन है, जिसका विमोचन आज किया गया। इनमें प्राचीन शास्त्रीय शैली पर आधारित नवीन संस्कृत श्लोक का समावेश किया गया है। साथ ही ‘उपचार पद्धति’ पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण, कक्षा-01 से 10 तक एनसीईआरटी आधारित योग की पुस्तकों, कलेण्डर तथा टेबल कलेण्डर का विमोचन किया गया।
इसके अतिरिक्त पतंजलि अनुसंधान संस्थान के शोध आधारित 15 नवीन औषधियों जैसे- दिव्य लिवोग्रिट वाइटल, पतंजलि गिलोयघन वटी एडवांस, दिव्य अर्जुनघन वटी, मैमोरीग्रिट, पतंजलि स्वर्ण शिलाजीत कैप्सूल, पतंजलि इयरग्रिट इयरड्राप, दिव्य कोरीघन वटी, फीवोग्रिट टैबलेट, पैनकोग्रिट टैबलेट, हिमोग्रिट वाइटल टैबलेट, अर्शोग्रिट टैबलेट, दिव्य मेलानोग्रिट लेप, दिव्य पीड़ानिल पेन रिलीफ पैच, दिव्य तेल, पतंजलि ज्योतिषमति तेल, दिव्य कैप्सूल आदि को भी चिकित्सकीय प्रयोग हेतु विमोचित किया गया।
कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी. सिंह, महिला पतंजलि योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी साध्वी देवप्रिया, आचार्यकुलम की निदेशिका बहन ऋतम्भरा, क्रय विभागाध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल, भारत स्वाभिमान के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव व भाई राकेश, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, स्वामी विदेहदेव, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनिल यादव, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के डी.जी.एम. ऑपरेशन प्रदीप नैन, डॉ. राजेश, डॉ. भास्कर जोशी उपस्थित रहे।