गर्मी में ईमली खाएं रोग भगाएं…
हरिद्वार। कच्ची और नई इमली खाने से शरीर में कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं लेकिन पुरानी इमली कई बीमारियों में बेहतरीन औषधि का काम करती है| गर्मी की ऋतू में इसका सेवन विशेष रूप से फायदेमंद रहता है।
इसके सेवन से एसीडीटी और कब्ज जैसी अनेक समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। ईमली का गूदा ही नहीं, इसके बीज, छिलके और पत्ते भी उपयोगी हैं।
इमली में साईट्रिक एसीड, टार्टरिक एसीड, पोटाशियम बाई टार्टरेट, फास्फोरिक एसीड, इनोसिटोल आदि तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों की मौजूदगी से इमली हमारी त्वचा और गुणसूत्रों को सीधे प्रभावित करती है।
गर्मियों में इमली के नियमित सेवन करने से लू नहीं लगती है। ईमली का पेय लेने से मितली, चक्कर आना जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
इसे गर्मी का टोनिक भी मना जाता है। जिन लोगों को पित्त बढ़ने की समस्या हो उन्हें रात में थोड़ी इमली कुल्हड़ में भिगो देना चाहिए। सुबह में मसलकर छानकर इमली का रस निकाल लेना चाहिए। इस रस में थोड़ा सा गुड़ डालकर खाली पेट पी जाएँ। एक सप्ताह के प्रयोग से पित्त की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
सीने में जलन हो तो पकी इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
30 ग्राम इमली पानी में भिगो दें। कुछ घंटे बाद मसलकर इसका पानी पीएं| इससे घाव और फोड़े-फुंसी में लाभ मिलता है।
गर्मी की वजह से उल्टियां हो रही हों तो ईमली का पानी पीने से तुरंत फ़ायदा होता है।
बवासीर रोग ठीक होता है। इमली के फूलों का रस भी बवासीर ठीक करने की ताकत रखता है।
10 ग्राम इमली एक लीटर पानी में उबालें। इस पानी में गुलाब जल मिलाकर गरारे करने से गले की सूजन दूर होती है।
इमली के पत्ते का रस शकर मिलाकर पीने से अतिसार (डायरिया) ठीक होता है।
इमली के पानी में नमक डालकर पीने से कब्ज में फायदा होता है।
इमली के पत्ते सेंधा नमक डालकर पीसकर लेप लगाने से संधिवात की सूजन दूर होती है और जोड़ों का दर्द भी कम हो जाता है।
लू लग जाने पर रोगी की हथेली और तलवों पर इमली के गूदे की मालिश करना हितकारी है।
इमली के बीजों को भुनकर पीसलें। इसकी आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने जल से दिन में तीन बार लेने से दस्त, अतिसार रोग ठीक हो जाता है।
इमली के फूलों को सूखाकर पीसकर रखलें। इसके सेवन से भूख बढ़ती है। इमली के बीज का चूर्ण पानी में मिलाकर बिच्छू काटे जगह पर लगाने से राहत मिलती है।
चोट और मोच की जगह पर इमली के पानी में उबले पत्ते के गरम पानी से सेक करें। दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है।