शोधार्थी छात्राओं द्वारा प्रकाशित थीसिस का डॉ. नरेश चौधरी ने किया विमोचन…
हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रचना शरीर (एनाटॉमी) विभाग की शोधार्थी छात्राओं द्वारा प्रकाशित शोध प्रबंध (थीसिस) का विमोचन ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रचना शरीर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) नरेश चौधरी ने किया। विमोचन उपरांत डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा अध्ययन के अंतर्गत रचना शरीर विषय छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों के लिए अहम है। शरीर रचना विषय के सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान कैडवरिक लावारिस शवों पर दिया जाता है, जिसे प्राप्त कर शोधार्थी जब अपना शोध प्रबंध प्रकाशित करता है तो यह शोधार्थी उस विषय का विशेषज्ञ बन जाता है। जिसका लाभ शिक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं को तथा चिकित्सा क्षेत्र में रोगियों को मिलता है। डॉ. नरेश चौधरी ने शोधार्थी छात्राओं डॉ. आकांशा पंवार, डॉ. आकांशा केंथोरा, डॉ. हेमलता, डॉ. चारूल सैनी, डॉ. दीपिका को विशेष बधाई देते हुए कहा कि 2021-22 बैच की सभी शोधार्थी छात्राओं द्वारा कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी में भी समर्पित भाव से जागरूकता अभियान, कोविड-19 टेस्टिंग, वैक्सीनेशन में सराहनीय कार्य किए गए। जिससे ऋषिकुल जम्बो वैक्सीनेशन सेंटर में डॉ. नरेश चौधरी के नेतृत्व में लगभग 20 लाख पात्र लाभार्थियों को वैक्सीन लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। जिसके लिए प्रधानमंत्री, नीति आयोग, महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, अन्य वरिष्ठ मंत्रियों, उच्च अधिकारियों एवं सामाजिक/धार्मिक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया। डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि आप सभी शोधार्थी छात्राओं की समर्पित सामाजिक सेवा के लिए भी इतनी दुआएं शुभकामनाएं मिली है जिसका पुण्य, मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे की पूजा अर्चना से भी अधिक मिलेगा और जो आत्म संतुष्टि प्राप्त होती है वह तो अतुलनीय है। डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि भविष्य में भी अपने मूल दायित्वों के साथ यदि कभी भी चुनौती पूर्ण सामाजिक सेवा का अवसर मिलता है तो उसमें सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अग्रणी रहना है और अपने विभाग, संस्था, राज्य, देश का गौरव बढ़ाना है। अंत में सभी शोधार्थी छात्राओं द्वारा भी भावुक होकर डॉ. नरेश चौधरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि आप हमेशा हम सभी के लिए आदर्श हैं और भविष्य में हम सभी आपकी तरह कर्मठता एवं समर्पित भावना से अपने-अपने मूल दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक सेवा में भी अग्रणी रहेंगे।