कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए “दवाई भी और कड़ाई भी” विषय पर विशेष जागरूकता कार्यशाला का हुआ आयोजन, जानिए…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एस.के.झा के निर्देशन में कोविड-19 वैश्विक महामारी जागरूकता जन-जागरण एवं कोविड -19 वैक्सीन का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन लक्ष्य प्राप्त करने का अभियान जनपद हरिद्वार में जोर-शोर से चल रहा है। इसी के तहत वैक्सीनेशन के साथ-साथ कोविड-19 गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने के लिये सम्पूर्ण जन समाज को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता अभियान के अन्तर्गत इण्डियन रेडक्रॉस के तत्वाधान में साई संस्कार पब्लिक स्कूल में कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव हेतु जागरूकता एवं टीकाकरण है सर्वोच्च प्राथमिकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में ऋषिकुल जम्बो वैक्सीनेशन सेन्टर के नोडल अधिकारी/रेडक्रॉस सचिव डॉ.नरेश चौधरी ने कहा कि कोविड-19 की प्रथम एवं द्वितीय लहर में हमने अपने निकटतम प्रियजनों को खोया है जिनकी पूर्ति जीवन में कभी नही हो सकती। तृतीय लहर का खतरा हमारे जीवन में दस्तक देने को तैयार है इसलिये समाज में प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों विशेषकर शिक्षकों की अहम् भूमिका है कि हम अपने परिवार तथा प्रत्येक नागरिक को कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के तृतीय लहर के प्रकोप से बचा सकें।

डॉ.नरेश चौधरी ने स्कूल की अध्यापिकाओं को कार्यशाला के माध्यम से कोविड-19 गाइडलाइन एवं वैक्सीनेशन पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आप सभी सम्पूर्ण जनसाज को प्रेरित करें कि कोई भी कोरोना महामारी के बचाव के प्रति लापरवाही न करें। हमें यह नहीं भूलना है कि कोविड-19 की द्वितीय लहर जनमानस के लापरवाह होने के कारण आई है ऐसी स्थिति अब नहीं आनी चाहिए यदि प्रत्येक नागरिक कोरोना महामारी से बचाव के प्रति जागरूक हो गया तो वह दिन दूर नहीं है जब हम इस वैश्विक महामारी से मुक्त हो जायेंगे। डॉ.नरेश चौधरी ने कार्यशाला में अध्यापिकाओं को विशेष रूप से आह्वान किया कि भले ही वर्तमान में छोटे बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं हो रही है तो भी ऑनलाइन ही शिक्षण कार्य के साथ-साथ सभी बच्चों के साथ अभिभावकों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि इस समय बच्चे ही कोरोना बीमारी के प्रति अतिसंवेदनशील है एवं उनके लिये अभी वैक्सीन भी नही है। अतः हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति हमें अधिक सतर्क रहना है।

डॉ.नरेश चौधरी ने कोविड-19 के दोनो लहरों के अपने कटु और चुनौतीपूर्ण अनुभव साझा करते हुए प्रतिभागियों की वैक्सीनेशन एवं कोविड-19 गाइडलाइन सम्बन्धित शंकाओं का समाधान किया एवं भ्रामक खबरों से दूर रहने के लिये भी सचेत किया। कार्यशाला में प्रधानाचार्य सपना अरोड़ा, प्रबन्धक पंकज अरोड़ा के साथ अध्यापिकाओं ने डॉ.नरेश चौधरी को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।

कार्यशाला का संचालन मानती एवं शिखा ने संयुक्त रूप से करते हुए कहा कि हम सभी अध्यापिकाएं आनलाइन शिक्षण कार्य कराते हुए बच्चों के साथ साथ अभिभावकों को भी कोविड-19 गाइडलाइन एवं वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करेंगी।

कार्यशाला में मुख्य रूप से मनीषा दुआ, रीना शर्मा, दीक्षा वर्मा, आकांशा वर्मा, नेहा यादव, शालु वर्मा, डाली बिज्लवान, गुंजन भट्ट, हर्तिका ग्रोवर, मानसी ग्रोवर एवं दीपिका ने प्रतिभाग कर सक्रिय सहभागिता की। 

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