प्राकृतिक तथा मानवजनित दोनों प्रकार की आपदा के लिए तकनीकि शिक्षा आवश्यक -प्रो. बत्रा।
हरिद्वार। आपदा प्रबन्धन पर होने वाली छठीं विश्व बैठक के प्री-इवेंट कार्यक्रम के अन्तर्गत एसएमजेएन महाविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा एक जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत पोस्टर प्रतियोगिता, तकनीकि सत्र तथा नाट्य अभिव्यक्ति द्वारा युवाओं को आपदा प्रबन्धन की महत्ता के विषय में जागरूक किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में बी.एससी. अन्तिम वर्ष की छात्रा अर्शिका ने आपदा प्रबन्धन की महत्ता पर अपना भाषण प्रस्तुत किया। बी.एससी. अन्तिम वर्ष की छात्रा अपराजिता ने अपने स्वरचित कविता द्वारा विभिन्न प्रकार की आपदाओं के विषय में बताया। कार्यक्रम के तकनीकि सत्र में पर्यावरण प्रकोष्ठ के समन्वयक डाॅ. विजय शर्मा ने आपदा प्रबन्धन की विभिन्न वैज्ञानिक विधियों की जानकारी दी।
डाॅ. विजय शर्मा ने उत्तराखण्ड तथा अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए एक समुचित आपदा प्रबन्धन तंत्र हेतु सामूहिक प्रयास के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने पर्यावरण प्रबन्धन की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि प्राकृतिक तथा मानवजनित दोनों प्रकार की आपदा के लिए तकनीकि शिक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने पिछले अनेक दिनों से सिल्कयारा टनल में फसे हुए 41 मजदूरों की अतिशीघ्र सकुशल वापसी की प्रार्थना करते हुए कहा कि जिस दिन ये सभी योद्धा सकुशल वापसी करेंगे, पूरा महाविद्यालय परिवार अपनी दीपावली मनायेगा।
ईशिका, चारू, आंचल, कामाक्षा, विशाखा, कनिष्का, मुस्कान, प्रिया, मनीषा तथा गौरव बंसल ने केदारनाथ त्रासदी पर एक नाट्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोहित कर लिया। इस अवसर पर काॅलेज द्वारा आपदा प्रबन्धन विषयक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें अंजली गोत्रा, ममता कुमारी, कशिश काम्बोज, नितिका, दीया दास, मानसी वर्मा, अपराजिता, प्रांजल सिंह, आंकाक्षा सिंह, श्रुति ढल, गंगा पाण्डेय तथा कामना ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में मानसी वर्मा तथा अपराजिता को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार, अंजली गोत्रा को द्वितीय व ममता कुमारी तथा श्रुति ढल को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार मिला। प्रांजल सिंह तथा आंकाक्षा सिंह को संयुक्त रूप से सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। निर्णायक मण्डल की भूमिका का निवर्हन श्रीमती रिचा मिनोचा, श्रीमती रिंकल गोयल तथा डाॅ. शिवकुमार चौहान द्वारा किया गया।
आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कहा कि इस प्रकार के जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाना चाहिए। डाॅ. मोना शर्मा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विनय थपलियाल, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, डाॅ. पदमावती तनेजा, आंकाक्षा पाण्डेय, विनीत सक्सेना, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. पुनीता शर्मा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि उपस्थित थे।