एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई ने किया श्रमदान…
हरिद्वार। गुरुवार को एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई द्वारा शिविर के प्रथम परियोजना सत्र मे शिविर क्षेत्र सीतापुर, ज्वालापुर में श्रमदान किया गया। जिसमें कि स्वयं सेविकाओं ने शिविर क्षेत्र के लोगों को पर्यावरण सरंक्षण एवं पॉलीथिन उन्मूलन विषय पर जागरूक किया। शिविर क्षेत्र सीतापुर में शिविर के छठवें दिन छात्राओं ने पर्दा प्रथा, भू्र्ण हत्या एवं स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता विषय पर अपने-अपने समूह से भाषण प्रतियोगिता आयोजित की। इस भाषण प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य युवा छात्राओं के भीतर महिला मुद्दों एवं स्वालंम्बन को विकसित करना रहा। उत्तराखंण्ड में 49 लाख जनसंख्या महिलाओं की है अतः इन आँकडों के रूप में मातृशक्ति को जागरूक करने के लिए छात्राओं को स्वयं के मुद्दों और उनके समाधान के बारे में ज्ञात होना आवश्यक है।
प्रथम सत्र मे भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ममता रावत पुत्री श्रीमती डीमा देवी, द्वितीय स्थान कशिश पुत्री श्रीमती शकुंतला ठाकुर, तृतीय स्थान निधि कुमारी पुत्री श्रीमति सरोज देवी ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता की निर्णायक मंडल एसएसडीपीसी काॅलेज रूड़की से प्रो. कामना जैन, राजनीति विज्ञान विभाग रहीं। इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो. जे.सी. आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. सुषमा नयाल और कार्यक्रम सहायिका कु. शाहीन ने विजेता छात्राओं को शुभकामनाएं प्रेषित की। महाविद्यालय एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने स्वतन्त्र सोच, उन्मुन्त विचारों को अपनाने को कहा एवं अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान दौर महिलाओं के उत्थान का है महिलाओं को स्वयं के विकास करने के लिए स्वयं ही आगे आना पड़ेगा और कन्या भू्र्ण हत्या का पूर्ण बहिष्कार करना होगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. कामना जैन ने निर्णायक मंडल के तौर पर भूमिका निभाते हुए अपने सम्बोधन में छात्राओं को कहा कि स्वयं के प्रति सजग एवं जानकारी परख होना आवश्यक है।
शिविर के बौद्धिक द्वितीय सत्र मे शिविर स्थल मे विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे विषेषज्ञ के रूप मे प्रो. टी.एस. तोमर वाणिज्य विभाग एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज द्वारा स्वस्थ जीवन एवं संतुलित जीवन विषय पर स्वयंसेविकाओं को सम्बोधित किया गया कि छात्र जीवन मे जीवन की सफलता के लिए व्यवस्थित योजना से कार्य करना सीखना चाहिए साथ ही स्वयं की आदतोें में स्वच्छता को अंगीकार करना चाहिए। ममता मौर्य, ईशा, तन्नु, चंचल, सीमा, आकांक्षा , कशिश, पायल, शालिनी, डोली, निधि, ममता रावत, आरती, सलोनी, मुस्कान, दीपांशी, निशि, मुस्कान ठाकुर, श्वेता आदि छात्राऐं उपस्थित रही।