भारत के संविधान में वर्णित नीति-निदेशक तत्व में उल्लिखित अनुच्छेद-44 की भावना के साथ अब होगा न्याय -प्रोफेसर बत्रा।

हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में समान नागरिक संहिता पर गठित विशेषज्ञ समिति ने पूर्व में एक जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था यह जानकारी देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने समान नागरिक संहिता के विधान सभा में पास होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लिव इन रिलेशनशिप, समलैंगिक सम्बन्ध, विवाह की उम्र, पैतृक सम्पत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी, तलाक एवं गोद लेने आदि के विषयों पर अब समान संहिता लागू होगी। आधी आबादी को न्याय का मार्ग अब होगा प्रशस्त। डॉ. बत्रा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी भारत के संविधान में वर्णित नीति-निदेशक तत्व में उल्लिखित अनुच्छेद-44 की भावना के साथ न्याय नहीं हो पाया था अब समान नागरिक संहिता के लागू होने से विवाह उत्तराधिकार तथा व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाली विधियों को सार्वभौमिक रूप से राज्य में लागू करने में मदद मिलेगी। इस कानून के लागू होने से एक ओर तो लोकतंत्र की अवधारणा को मजबूती मिलेगी वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड राज्य देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक नजीर का काम करेगा। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उनकी टीम इसके लिए बधाई के पात्र है।

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