एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के तहत् मीटिंग का हुआ आयोजन, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। शुक्रवार को हरिद्वार के स्थानीय एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के तहत् एक मीटिंग का आयोजन किया गया।
इसकी अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने की।
उन्होंने कहा कि पूर्व र्केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) तैयार करवाने में अहम योगदान रहा है हरिद्वार से सांसद होने के कारण नयी शिक्षा नीति में हरिद्वार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उत्तराखंड में सर्व प्रथम नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत बधाई के पात्र हैं।
डॉ. बत्रा ने बताया कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर आधारित है। इसमें रोजगारपरक वोकेशनल पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। छात्र-छात्राऐं नयी शिक्षा नीति के तहत् मल्टीपल एंट्री और एग्जिट करने का विकल्प भी रखा गया है, विधार्थी प्रत्येक वर्ष के पश्चात् ब्रेक ले सकता है। इससे विद्यार्थी एक साथ दो संकायों के विषयों की पढ़ाई कर सकता है और तीन साल की डिग्री की बाध्यता का बन्धन भी अब नहीं होगा।
डॉ. बत्रा ने कहा कि इस वर्ष महाविद्यालय में सभी प्रथम वर्ष के प्रवेश नयी शिक्षा नीति के तहत् चवाइ्श बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आधारित होंगे। प्रथम वर्ष के दोनों सैमेस्टर उत्तीर्ण करने एवं 46 क्रेडिट मिलने पर विधार्थी सर्टिफिकेट का अधिकारी हो जायेगा, द्वितीय वर्ष के दोनों सैमेस्टर एवं 46 क्रेडिट से उत्तीर्ण करने की अवस्था में उसे डिप्लोमा दिया जायेगा तथा तृतीय वर्ष के दोनों सैमेस्टर तथा कुल 140 क्रेडिट से उत्तीर्ण करने पर उसे स्नातक की डिग्री मिलेगी। इसके उपरांत विधार्थी परास्नातक के लिए अपने नामांकन को जारी रख सकता है। मल्टी-मोडल एजुकेशन, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, स्किल डेवलपमेंट स्टूडेंट फर्स्ट की दिशा में मील का पत्थर नयी शिक्षा नीति साबित होगी।
नयी शिक्षा नीति के द्वारा एकेडमिक एवं उद्योग के मध्य अन्तराल को समाप्त करने में मदद मिलेगी, इंडस्ट्री ट्रेनिंग के द्वारा डवलेपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर आईक्यूएसी के संयोजक डॉ. संजय माहेश्वरी, डॉ. तेजवीर सिंह तोमर, डॉ. जे.सी. आर्य, डॉ. नलिनी जैन, वैभव बत्रा, एवं स्टाफ मुख्य रूप से उपस्थित रहे।