धूमधाम से मनाया गया गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय का 121 वां स्थापना दिवस…

हरिद्वार। गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय का 121वां स्थापना दिवस समारोह विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आगंतुकों को संबोधित करते हुये पूर्व केन्द्रीय मंत्री, सांसद लोकसभा हरिद्वार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि नई शिक्षा नीति में जिन बिन्दुओं को समायोजित कर भारतीय शिक्षा नीति तैयार की गई है उस मार्ग पर गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय पहले से ही कार्य कर रहा है। ऐसे में नई शिक्षा नीति का नेतृत्व करने के लिए गुरुकुल काँगड़ी को आगे आना चाहिए। उन्होने कहा कि गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के छात्रों को अपने को शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कारों से संस्कृत हो अपने को समाज में स्थापित कर अन्य छात्रों के लिए आदर्श स्थापित करने चाहिए। गुरुकुल के छात्र अन्य शिक्षण संस्थाओं से अलग भारतीय प्राचीन वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा के ज्ञान व भारतीय संस्कारों से ओत-प्रोत है, उन्होने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है, हमें स्वतन्त्रता दिलाने में हमारे शहीदों ने सर्वत्र बलिदान किया है, जिसके चलते हमें यह अवसर प्राप्त हुआ है। आजादी के आंदोलन में आर्य समाज का महत्वपूर्ण योगदान है, आज इस बात की आवश्यकता है कि देश के युवा राष्ट्र निर्माण में आगे आकार अपना योगदान दे तथा विश्व पटल पर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त करें।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस आत्मचिंतन का संदेश देता है हमें अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर वर्तमान की चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को वैदिक ज्ञान-विज्ञान के मूल्यों को लेकर आगे बढ़ना होगा तथा सत्य और तमस के युद्ध में हमें अपने संस्कार और संस्कृति की रक्षा करनी होगी।


विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुये उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल देश का सबसे पुरातन विश्वविद्यालय है जिसने शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन वैदिक भारतीय शिक्षा पद्धति के साथ आधुनिक विषयों में भी छात्रों को शिक्षित कर कई आयाम शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित किए है| वर्तमान समय में हमें अनुसंधान के क्षेत्र में और अधिक कार्य कर देश दुनिया का मार्ग दर्शन करने के लिया और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है | प्रो. सुरेंद्र कुमार, डीन एकेडमिक्स, एमडीयू, रोहतक ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने सदविद्या के माध्यम से सुख को साधने का मार्ग प्रशस्त किया। प्रो. सुरेंन्द्र ने कहा गुरुकुल की आचार्य-शिष्य परंपरा विलक्षण परंपरा रही है जिसके माध्यम से शिक्षा के वास्तविक उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के पूर्व कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राणा ने कहा कि विज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांतों के विवरण वेदों में मिलता है कतिपय कारणों से हमें पश्चिम के स्रोत से जो ज्ञान प्राप्त होता है वह पहले से हमारे ग्रन्थों मे मौजूद रहा है। प्रो. राणा ने कहा कि आर्य का अर्थ श्रेष्ठ है और कोई समाज बिना आर्य हुए समाज नहीं हो सकता है। उन्होने स्वामी श्रद्धानन्द के शिक्षा दर्शन को आज के समय की जरूरत बताया।


समविश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुये समविश्वविद्यालय के संक्षिप्त परिचय से अवगत कराते हुये सभी का आभार व्यक्त किया| कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय मलिक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. ब्रह्मदेव विद्यालंकार ने ज्ञापित किया।


गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के 121 वें स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा राजस्थान का लोकनृत्य कालबेलिया और गुजरात का लोकनृत्य गरबा पर नृत्य प्रस्तुति प्रदान की। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बीटेक के छात्र कुशल ने भारतनाट्म पर अपनी नृत्य प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन, कविता पाठ,भारत वंदना और स्त्री सशक्तिकरण पर केन्द्रित नृत्य प्रस्तुति हुई जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन मोहित संगम और छवि चौहान ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. अंबुज कुमार शर्मा,डीन, कल्चरल अफेयर्स के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


इस अवसर पर प्रो. एल.पी. पुरोहित, प्रो. मनुदेव, प्रो. डी.एस. मलिक, प्रो. सुरेंन्द्र त्यागी, प्रो देवेंद्र गुप्ता, प्रो प्रभात कुमार, प्रो. सत्यदेव निगमालंकार, प्रो. श्रवण शर्मा, प्रो वीके सिंह, प्रो कर्मजीत भाटिया, प्रो सत्येंद्र राजपुत, डॉ दीनदयाल, डॉ सुनील पँवार, प्रो आर सी डुबे, प्रो विवेक गुप्ता, प्रो. सुचित्रा मलिक, प्रो. मृदुल जोशी, प्रो नमिता जोशी, प्रो सुरेखा राना, प्रो रणधीर सिंह, प्रो नीपूर, डॉ रिचा सक्सेना, डॉ नीना, डॉ हेमन पाठक, डॉ रीना वर्मा, डॉ रिचा सक्सेना, डॉ कीर्तिका, डॉ रेखा राजपुर, डॉ सुकेश, डॉ बबिता, डॉ मीरा भारद्वाज, डॉ पूनम पेन्यूली, डॉ ऋतु अरोरा, डॉ अजित तोमर, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. पवन कुमार, प्रमोद कुमार, श्याम कुमार कश्यप, दीपक वर्मा, डॉ पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, हेमंत सिंह नेगी, अयोध्या प्रसाद, प्रमिला, सुशील रौतेला, वीरेंद्र पटवाल, कृष्ण कुमार, नवीन, अमित धीमान, रमेश चन्द्र, राजकुमार, जितेंद्र नेगी, रवीकान्त शर्मा, डॉ सचिन पाठक सहित शिक्ष्केत्तर कर्मचारी, छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!