कोरोना से सामान्य हो रहे हालात बढ़ा रहे पुलिस इंस्पेक्टरों के दिल की धड़कन, जानिये पूरा मामला..
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हरिद्वार। कोरोना संक्रमण के लंबे काल के बाद तेजी से संभल रहे हालात उत्तराखंड पुलिस के निरीक्षकों के दिलों की धड़कन बढ़ा रहे हैं। वजह है कि गढ़वाल में 22 मार्च को और कुमाऊं में 24 मार्च को बड़ी संख्या में पुलिस इंस्पेक्टरों के तबादले मैदान से पहाड़ पर और पहाड़ से मैदान में कर दिए गए थे। इससे पहले कि तबादलों के इस आदेश पर अमल हो पाता कोरोना का संक्रमण बढ़ गया। गृह मंत्रालय के सचिव नितेश कुमार झा ने अग्रिम आदेशों तक इन तबादलों पर रोक लगा दी थी। तब से ऐसे इंस्पेक्टर जो पहाड़ नहीं जाना चाहते थे लेकिन उनके स्थानांतरण कर दिए गए थे, वह अपने मौजूदा तैनाती स्थलों पर ही जमे हुए हैं और आराम से नौकरी कर रहे हैं। जबकि उनके स्थान पर पहाड़ से मैदान में आने वाले इंस्पेक्टर आदेशों के अनुपालन का एक-एक मिनट इंतजार कर रहे हैं। दोनों ही तरह के इंस्पेक्टरों के दिलों की धड़कन कोरोना के सुधरते हालातों के साथ बढ़ती जा रही है और वह पुलिस मुख्यालय प्रशासन की ओर नजरें लगाए हुए हैं कि आखिर कब उनके स्थानांतरण के आदेश का अनुपालन होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही इस सूची के अनुसार किए गए स्थानांतरण को अमल में लाने के आदेश किए जा सकते हैं ।
ऐसे में कई इंस्पेक्टर अपने स्थानांतरण रद्द कराने की जुगत में भी लगे हुए हैं। यह प्रकरण पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। इंस्पेक्टरों के तबादले होने के बाद अचानक स्थगित किए गए। जिसको लेकर बड़े खेल की भी बू आ रही है दिलचस्प यह है कि रोज विभाग में उच्च अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के बंपर तबादले किए जा रहे हैं, लेकिन कोरोना की आड़ में इंस्पेक्टरों के तबादले को रोका गया है जो प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।