महिला हिंसा उन्मूलन विधिक जागरूकता से सम्भव -सिमरनजीत कौर।

हरिद्वार। सोमवार को एसएमजेएन महाविद्यालय में नेशनल हेल्थ मिशन, हरिद्वार तथा कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं के विरूद्ध हिंसा उन्मूलन अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर टॉक शो का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं के विरूद्ध हिंसा, उन्मूलन, कारण एवं समाधान शीर्षक पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, प्रतियोगिता में 16 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मा. सिमरनजीत कौर, सिविल जज, हरिद्वार, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सहित अशोक तोमर अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हरिद्वार की गरिमापूर्ण एवं प्रेरणादायी उपस्थिति छात्र-छात्राओं के मध्य रही।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मा. सिमरनजीत कौर, सिविल जज, हरिद्वार ने अपने सम्बोधन में महिलाओं के विरूद्ध हिंसा उन्मूलन के अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के इतिहास को दर्शकदीर्घा के समक्ष रखते हुए कैरिबियन फेमेनिस्ट एवं विश्व की अनेक महिलाओं के सार्थक प्रयासों को याद दिलाकर छात्राओं को जागरूक करने का संकल्प दिलाया गया। उन्होंने कहा कि महिला हिंसा उन्मूलन विधिक जागरूकता से ही सम्भव है।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. अशोक तोमर ने विश्व के विभिन्न महिला अध्ययनों का सन्दर्भ देते हुए हिंसा के कारण एवं उन्मूलन को प्रकाशित किया एवं माना कि आज का दौर महिलाओं का तभी हो सकता है जब वह सामाजिक सम्मान के भय को छोड़ते हुए अपने हितों की रक्षा हेतु न्यायिक प्रणालियों तक पहुंचे। महिलाओं के विरूद्ध हिंसा उन्मूलन के अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित भाषिण प्रतियोगिता के निर्णालय मण्डल की भूमिका का निवर्हन डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, श्रीमती रूचिता सक्सेना के दिये गये निर्णय अनुसार भाषण प्रतियोगिता में बी.ए. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा स्मिता रयाल ने प्रथम स्थान, कशिश ठाकुर बी.काॅम. तृतीय सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान, अक्षरा अरोड़ा बी.काॅम. तृतीय सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। दिव्यांशु गैरोला बी.एससी. तृतीय सेमेस्टर ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
कार्यक्रम में अपने संदेश मे प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि जैसे-जैसे समाज सभ्य व आधुनिक होता जा रहा है, महिलाओं के विरूद्ध अपराध दर में वृद्धि हो रही है। महिला विरूद्ध अपराधों के प्रति वर्तमान में स्वयं महिलाओं को इसका विरोध करते हुए स्वयं रिपोर्ट दर्ज कराते हुए चलती आ रही परिपाटी को परिवर्तिन करने की आवश्यकता है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध हिंसा उनके जन्म से पूर्ण भ्रूण हत्या के रूप में होनी प्रारम्भ हो जाती है। यह प्रारम्भिक हिंसा रोकने में सामाजिक जागरूकता एवं महिलाओं की सशक्त बौद्धिकता की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कार्यक्रम संयोजक व राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डाॅ. सुषमा नयाल द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में आंकाक्षा पाल, महक, आदित्य नौटियाल, अंजली, प्रतिमा, कंचन कोटवाल, खुशी आदि ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डाॅ. नलिनी जैन, रवि कुमार जिला समन्वयक, कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सह संयोजक डाॅ. वन्दना सिंह एवं शाहिन, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा, प्रिंस श्रोत्रिय, हरीश चन्द्र जोशी, कु. भव्या, कु. साक्षी, आंकाक्षा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय उपस्थित रहे।

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