कथा का आध्यात्मिक प्रवाह ही गंगा है -सूर्यकांत बलूनी।

हरिद्वार। जिला कारागार रोशनाबाद में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण कराते हुए कथाव्यास सूर्यकांत बलूनी ने कहा कि कथा का आध्यात्मिक प्रवाह ही गंगा है। यही कुरुक्षेत्र, गोवर्धन व दक्षिण में नर्मदा आदि के विभिन्न रुप में प्रवाहित है। इसमें एक अत्रिगंगा व दूसरी गौतमी गंगा है। सकल वाह्य पापनाशिनी जलरुप व भीतरी पाप नाशिनी कथा रूप है। इसीलिये तीर्थ स्नान व कथाश्रवण होता है। विश्व में एक मात्र देश भारत है जहाँ गंगा दोनों रूप से प्रवाहित है। इसी से शिव में शिवत्व है। विष्णु में वैष्णवता है। इसी को ब्रहमा कमंडल में वेदविद्या रूप से रखते है। तब तीनों सृष्टि चलाते हैं। महंत दिनेश दास, महंत हरिहरानंद, स्वामी कमलेशानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, महंत शुभम गिरी, स्वामी सत्यव्रतानंद, जेल अधीक्षक मनोज आर्य, श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, अश्विनी, जलज कौशिक विष्णु गॉड, अस्मिता कौशिक, सचिन तिवारी, कुलदीप शर्मा, संगीता प्रजापति, मंजू, पंडित आलोक मिश्रा ने व्यासपीठ का पूजन कर सभी के लिए मंगलकामना की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!