महाकुंभ के अजब नजारे देखा 11,000 रुद्राक्ष माला धारी सन्यासी नागा।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के एक नागा संन्यासी डामकोठी के समीप गंगा किनारे तपस्या कर रहे हैं। 11 हजार रुद्राक्ष धारण कर लोक कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए तप में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर भी कुंभ होता है, वहां गंगा किनारे 11 हजार रुद्राक्ष धारण कर तप करते हैं। मार्च के बाद पूरे अप्रैल तक उनका तप निरंतर चलता रहेगा । अजय गिरी नागा संन्यासी का कहना है शिव पुराण मैं लिखा है जो संन्यासी 11000 रुद्राक्ष की माला धारण करता है वो भगवान शिव के रुद्र स्वरूप हो जाता है और नगाओं का वस्त्र ही रुद्राक्ष की माला और भस्म होता है जिसे नागा संन्यासी धारण करते है ।यह रुद्राक्ष की माला अजय गिरी जी ने 4 साल से धारण की है यह तप वह समाज कल्याण के लिए कर रहे है ।