त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद -श्रीमहंत रविंद्रपुरी।
हरिद्वार। गुरुवार को भूपतवाला स्थित श्री चेतन ज्योति आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष महंत ऋषिश्वरानंद महाराज के संयोजन में आयोजित गुरूजन स्मृति श्रद्धांजलि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी वागीश्वरानंद महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज के सानिध्य एवं बाबा हठयोगी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी वागीश्वरानंद महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। महंत ऋषिश्वरानंद महाराज जिस प्रकार अपने गुरू के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। विधायक मदन कौशिक ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज दिव्य संत थे। भक्तों को ज्ञान की प्ररेणा देने के साथ मानव कल्याण में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज एवं बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत और धर्म शास्त्रों के विलक्षण विद्वान थे। उनका पूरा जीवन परमार्थ को समर्पित रहा। सभी को उनके त्यागमयी जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि धर्म, अध्यात्म और मानव कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज के विचार और शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संदेश में कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है और गुरूजनों की पूजा ईश्वर पूजा के समान है। महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी एवं पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि देश को सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से एकजुट करने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका रही है। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। महंत ऋषिश्वरानंद महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरूजनों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाना तथा आश्रम की सेवा संस्कृति का विस्तार करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत शिवम महाराज, महंत मनोजानंद, राजेश रस्तोगी, डॉ.विशाल गर्ग, पुरुषोत्तम शर्मा, सत्यनारायण शर्मा आदि ने सभी संत महापुरूषों और अतिथियों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी यतिन्द्रानंद, स्वामी गर्व गिरी, महंत जसविन्दर सिंह, स्वामी प्रबोधानंद गिरी, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, भक्त दुर्गादास, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत विष्णु दास, महंत रघुवीर दास, महंत सूरजदास, महंत शुभम गिरी, महंत दुर्गादास, स्वामी शिवानंद भारती, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास, स्वामी राममुनि, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, राजीव चौधरी, हाजी नईम कुरैशी, संजीव चौधरी आदि सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु मौजूद रहे।