वैकुण्ठ धाम में आवारा हिंसक कुत्तों का खौफ, जिम्मेदार मौन
ज्योति एस, दयालबाग (आगरा)। पोइया घाट, दयालबाग, आगरा, यमुना नदी किनारे आवारा और हिंसक कुत्तों के जमावड़ा की वजह से आम नागरिकों और सतसंगियों खौफ पैदा कर रहा है। यह दिन पर दिन खतरनाक होते जा रहे हैं, यह कई लोगों, जिनमें बच्चे भी शामिल है, को काट चुके हैं। हिंसक कुत्तों के कारण वो यहां आने से डर रहे हैं।
पिछले एक वर्ष से रा धा/ध: स्व आ मी सतसंग सभा ने पोइया घाट पर यमुना तट वैकुण्ठ धाम पर सफाई अभियान चलाया हुआ है। लगभग एक वर्ष से स्वयं सेवक बच्चों, भाई, बहन ने मिल कर 15-16 ट्रॉली कूड़ा करकट, प्लास्टिक इत्यादि का निस्तारण कर तट को न केवल कूड़ा करकट मुक्त किया वरन् यमुना तट को पाटे इत्यादि चला कर समतल भी कर दिया। साथ ही रा धा/ध: स्व आ मी सतसंग सभा ने अपनी भूमि पर लगभग २५०० फलों एवं छायादार वृक्षों का भी रोपण किया है, जिससे वैकुण्ठ धाम का यह यमुना तट बहुत ही रमणीक स्थल बन गया है। जहाँ पहले केवल कुछ व्यक्ति यहाँ घूमने आया करते थे वहीं अब नित्य सैकड़ों लोग प्रातः एवं सांय यहाँ आ कर विचरण करते हैं यही नहीं रविवार एवं छुट्टी वाले दिन तो यह संख्या हज़ारों मे होती है। जैसा कि ज्ञातव्य है कि प्रत्येक रविवार को यहीं पर रा धा/ध: स्व आ मी सतसंग सभा एवं सरन आश्रम अस्पताल के सौजन्य से नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है, परिणामस्वरूप रविवार को प्रातः हजारों की संख्या में बच्चे, स्त्री, पुरुष एवं वृद्धजन यहाँ आते हैं और नि:शुल्क चिकित्सा के साथ-साथ यमुना तट का भी आनंद उठाते हैं।
परन्तु पिछले कुछ महीनों से आगंतुकों को यहाँ बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ महीनों से पोइया घाट पर आवारा कुत्तों का आतंक बहुत बढ़ गया था तथा दिन-ब-दिन इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। स्वयं सेवक अपनी तरफ से इनको रोकने का प्रयास करते हैं, परन्तु यह इतने खुंखार हो चुके हैं कि कई बच्चों और पुरुषों को काट चुके हैं। दिन प्रतिदिन इनका आतंक बढ़ता ही जा रहा है इस वजह से स्थानीय निवासियों और रोजाना भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों में चिंता और भय का माहौल व्याप्त हो गया है।
कुत्तों के बढ़ते हुए आतंक को देखते हुए रा धा/ध: स्व आ मी सतसंग सभा ने नगर पंचायत दयालबाग आगरा के साथ मिल कर इसकी रोकथाम के लिए एक अभियान शुरू किया। जिसके अंतर्गत SFG के स्वयं सेवक पोइया घाट ( वैकुण्ठ धाम) से लेकर जुबली गेट तक आवारा और हिंसक कुत्तों की (Sterilization) नसबंदी और उन्हें एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने का प्रोग्राम चला रहे हैं, नसबंदी के अंतर्गत नर और मादा दोनों ही प्रकार के कुत्तों की नसबंदी कराई जाती है एवं इसके साथ ही एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने का कार्य भी किया जाता है यह इंजेक्शन एक साल तक असर रखता है। अभी तक १९ आवारा और हिंसक कुत्तो का दोनों प्रकार के ट्रीटमेंट का कार्य किया जा चुका है और जब तक इस क्षेत्र के सभी आवारा कुत्तो का पूरा ट्रीटमेंट नहीं हो जाता तब तक यह कार्य जारी रहेगा।
SFG की टीम को इस कार्य में People for Animals आगरा एवं नगर पंचायत दयालबाग का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है। नगर पंचायत दयालबाग के अनुसार एक कुत्ते के ट्रीटमेंट में लगभग १२०० रूपए का खर्च आता हैं जिसे नगर पंचायत दयालबाग द्वारा वहन किया जा रहा है। ट्रीटमेंट हो जाने के बाद कुत्तों पर मार्किंग कर दी जाती हैं जिससे उनकी पहचान आसानी से हो सके, नगर पंचायत दयालबाग द्वारा इन ट्रीटमेन्ट हो चुके कुत्तों के लिए QR Code बेस्ड रिफ्लेक्टिव कॉलर स्पेशली डिज़ाइन फॉर डॉग्स फॉर ईज़ी आइडेंटिफ़िकेशन बेल्ट लाने की भी योजना है।
रा धा/ध: स्व आ मी सतसंग सभा एवं नगर पंचायत दयालबाग के द्वारा किया जा रहा कार्य अनुकरणीय है तथा स्थानीय प्रशासन को भी कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार और प्रशासन को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तत्परता से काम करना चाहिए। यहां तक कि यमुना के किनारे को स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त बनाने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए। इससे न केवल स्थानीय लोगों की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण में भी सुधार होगा।