आगरा जिला प्रशासन ने राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग के खिलाफ की थी अवैधानिक कार्रवाई, हाईकोर्ट ने प्रशासन के सभी नोटिसों और आदेशों को किया निरस्त, कार्रवाई को ठहराया गलत…
प्रयागराज। राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा मामले में आगरा जिला प्रशासन की बदनियत और मनमानी हाईकोर्ट के सामने उजागर हो गई। हाईकोर्ट ने आगरा जिला प्रशासन की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा मामले में उसकी ओर से जारी सभी नोटिसों और आदेशों को निरस्त (क्वैश) कर दिया। साथ ही आगरा जिला प्रशासन को इस मामले में तय समय में राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा का पक्ष सुनने और उसके बाद ही कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। हाईकोर्ट ने राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा की ओर से इस मामले में दाखिल लाठीचार्ज तथा मानवाधिकार उल्लंघन मामले में उन्हें आगे की कार्रवाई जारी रखने की छूट भी प्रदान की। आगरा जिलाधिकारी आगरा पहले ही इस मामले में हाईकोर्ट के दो-दो अवमानना नोटिस का सामना कर रहे हैं। इस मामले में मंगलवार यानी 16 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।
आरोप है कि उच्चकोटि की अति पावन-पवित्र धार्मिक संस्था राधास्वामी सतसंग सभा की संपत्तियों पर भूमाफियाओं व बिल्डर लॉबी के दबाव में अनैतिक-अवैधानिक कब्जा करने-कराने की नियत को लेकर आगरा जिला प्रशासन ने सितंबर माह में तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी, जिसमें किसी कार्य सेवा कर रहे निहत्थे शांतिप्रिय सतसंगी बच्चों, बूढ़ों महिलाओं तक पर लाठी चार्ज और पथराव किया गया था। आरोप है कि इस मामले में भू माफियाओं और बिल्डर लाॅबी से जुड़े कतिपय ग्रामीणों का भी सहयोग लिया था। जबकि राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा ने इसका लगातार विरोध किया और प्रशासन को भूमि का स्वामित्व अपना बताते हुए उसके पक्ष में प्रमाण भी प्रस्तुत किया था और उनसे अवैधानिक कार्रवाई रोकने की लगातार मांग की थी। यह भी बताया था कि यह क्षेत्र तहसील प्रशासन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है और नगर पंचायत दयालबाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। बावजूद इसके कार्रवाई की गई और राधास्वामी सत्संग सभा की कोई सुनवाई नहीं की गई।
राधास्वामी सतसंग सभा ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा के काउंसिल उज्जवल सत्संगी ने बताया कि आगरा जिला प्रशासन के नोटिस के जवाब में राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा ने आगरा जिला प्रशासन को स्पष्ट किया था कि यह उसके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। क्योंकि राधास्वामी सतसंग सभा की प्रश्नगत समस्त संपत्तियां दयालबाग नगर पंचायत क्षेत्र में आती हैं, इसलिए यह दयालबाग नगर पंचायत के अधिकार का क्षेत्र का मामला है, जिसमें तहसील प्रशासन अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहा है जो कि कानूनन उचित नहीं है। इतना ही नहीं राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा ने हाईकोर्ट में यह भी अपील दाखिल की थी कि उन्हें नोटिस मात्र दो संपत्तियों पर मिला, जबकि प्रशासनिक कार्रवाई की जद में 14 संपत्तियों को रखा गया, जोकि गलत और असंवैधानिक है। आगरा जिला प्रशासन ने अपने जवाब में कहाकि नोटिस समस्त 14 संपत्तियों का दिया गया था पर, राधास्वामी सतसंग सभा ने केवल दो ही नोटिस को रिसीव किया। जिस पर हाईकोर्ट की टिप्पणी थी कि आगरा जिला प्रशासन का यह कथन उचित जान नहीं पड़ता, क्योंकि जो व्यक्ति दो नोटिस रिसीव कर सकता है, उसे बाकी के नोटिस रिसीव करने में क्या आपत्ति। हाईकोर्ट ने आगरा जिला प्रशासन से यह भी पूछा कि उसने राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा की इस आपत्ति कि ‘मामला सदर तहसील अधिकार क्षेत्र का नहीं है क्योंकि प्रश्नगत संपत्ति नगर पंचायत दयालबाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं,’ का उसने क्या जवाब दिया।
इस मामले में आगरा जिला प्रशासन के जवाब से असंतुष्ट होते हुए हाईकोर्ट ने आगरा जिला प्रशासन (सदर तहसील) की ओर से इस मामले में जारी सभी नोटिस और आदेशों को निरस्त (क्वैश) करने का आदेश देते हुए, निर्देश दिया कि आगरा जिला प्रशासन हाईकोर्ट की ओर से दिए गए समय में राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा के पक्ष की सुनवाई करेगा उसकी ओर से प्रस्तुत प्रमाण को जांचेगा-परखेगा। इसके पश्चात ही भविष्य में कार्रवाई करेगा।
हाईकोर्ट ने इस मामले में राधास्वामी सतसंग सभा दयालबाग आगरा को लाठीचार्ज तथा अन्य कार्रवाई एवं मानवाधिकार उल्लंघन मामले में अपनी कार्रवाई जारी रखने की छूट भी प्रदान की।
गौरतलब है कि इससे पहले हाईकोर्ट में इस मामले में राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए लालगढ़ी और राधाबाग नहर भूमि मामले में हाईकोर्ट की रोक के बावजूद कार्रवाई करने पर आगरा जिला अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया हुआ है। इस पर मंगलवार यानी 16 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।
पूर्व और आज के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया कि आगरा जिला प्रशासन ने मनमाने तरह से अवैधानिक रूप से राधास्वामी सतसंग सभा की संपत्तियों पर तोड़फोड़ की तथा कृषि कार्य सेवा दे रहे शांतिप्रिय सतसंगियों पर लाठीचार्ज और पथराव किया था। इतना ही नहीं आगरा जिला प्रशासन के नोटिस की आड़ लेकर जो लोग राधास्वामी सतसंग सभा की नियत और कार्य पर उंगली उठा रहे थे, उनके मुंह पर भी कालिख पुत गई। क्योंकि हाईकोर्ट के निर्णय से साबित हो गया कि आगरा जिला प्रशासन की कार्रवाई अवैधानिक थी।