देहरादून पुलिस द्वारा द्वारा दवा व्यवसायों का उत्पीड़न, पूरे प्रदेश के दवा व्यवसायी लामबंद…

देहरादून। देहरादून पुलिस द्वारा बिना औषधि नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधियों के देहरादून में रिटेल क़ेमिस्टों के यहां की गई आकस्मिक छापेमारी व बिना तथ्यों के कई दवा प्रतिष्ठानों के शटर बंद कर दिये जाने से नाराज दवा विक्रेताओं ने इसे दवा व्यवसायों का घोर उत्पीड़न बताया।
उत्तरांचल औषधि दवा व्यवसायी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. मनकोटी ने बताया कि प्रदेश के समस्त दवा व्यवसाई सॉयकोट्रोपिक दवाओं का भंडारण व विक्रय विभागीय नियमों के अनुसार ही करते हैं। हमारे सभी सदस्य ड्रग लाइसेंसी हैं इसलिए सभी के पास फ़ार्मेसिस्ट की उपलब्धता अनिवार्य होती है जो कि है।
उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि पुलिस विभाग को किसी भी दवा प्रतिष्ठान में छापेमारी व जाँच करने का कोई अधिकार नहीं है।
इस संदर्भ में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर उत्तराखण्ड पुलिस ने राज्य के सभी ज़िलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने हेतु पत्र प्रेषित किया था क्योंकि पुलिस विभाग को ड्रग एक्ट व साइकोट्रोपिक दवाओं की जानकारी नहीं हो सकती है अतः बिना ड्रग विभाग के प्रतिनिधियों के छापामारी पूर्णतया उत्पीड़न है।
उन्होंने कहा कि यदि देहरादून पुलिस द्वारा दवा व्यवसायों का उत्पीड़न जारी रहा तो प्रदेश के सभी दवा व्यवसाई आंदोलित होने के लिए बाध्य होंगे तथा सॉयकोट्रोपिक दवाओं का भंडारण व विक्रय भी बंद करने के लिए बाध्य होंगे।

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