पतंजलि विश्वविद्यालय तथा पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय एवं पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में अभ्युदय वार्षिकोत्सव-2023 का आयोजन पतंजलि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक महोत्सव के रूप में किया गया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय माननीय कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने अपने आर्शीवचन में कहा कि विद्यार्थी जीवन का अभ्युदय आध्यात्मिकता और भौतिकता के समन्वय सेे ही सम्भव है। सभी विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए एवं इसको आगे बढ़ाने में अखंड, प्रचण्ड पुरुषार्थ करते रहना चाहिए।
प्रति-कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि- विश्वविद्यालय राष्ट्र उत्थान में सदैव तत्पर है और विद्यार्थी संस्कृति के अग्रदूत हैं।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका एवं संकायाध्यक्षा- मानविकी एवं प्राच्य विद्या संकाय साध्वी देवप्रिया जी ने छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सफल विद्यार्थी जीवन की कुंजी अखंड पुरूषार्थ तथा गुरू के प्रति निष्ठा व पूर्व समर्पण है।
इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन व मन्त्रपाठ के साथ विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, डॉ. अनिल, साध्वी देवसुमना जी, स्वामी परमार्थदेव आदि उपस्थित महानुभावों ने किया। उपस्थित अतिथिगणों का पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं यथा समूह गायन, समूह नृत्य, नाटक, युगल गीत, रंगोली आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में नाटक प्रतियोगिता में बी.ए.एम.एस.के., समूह गायन में बी.ए. योग विज्ञान द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने प्रथम प्राप्त किया।
पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल, साध्वी देवसुमना, स्वामी परमार्थ देव, कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, कुलसचिव डॉ. प्रवीण पुनिया, उपकुलसचिव डॉ. निर्विकार एवं समस्त संकायाध्यक्ष, अधिकारी एवं प्राध्यापकगण, कर्मयोगी, बी.एन.वाई.एस., बी.ए.एम.एस. के छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी. सिंह, पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलसचिव बहन प्रवीण पूनिया, पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल यादव ने विजेता प्रतिभागियों को मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. नरेन्द्र सिंह द्वारा किया गया।