स्वामी अखंडानन्द गिरी महाराज का समष्टि भंडारा सम्पन्न, अशुंल को चादर विधि से बनाया उत्तराधिकारी…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। शुक्रवार को गणेश वाटिका श्री वाटिका श्यामपुर कांगड़ी में ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद जी महाराज के षोडशी समष्टि भंडारे एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मे अंशुल कुमार को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चादर विधि से उपस्थित सन्तों के द्वारा संपन्न की गई। इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महामंडलेश्वर परम पूज्य 1008 श्री प्रबोधानंद जी महाराज ने कहा समाज को कल्याण का मार्ग दिखाने वाले तपस्वी संत थे स्वामी अखंडानंद जी महाराज।
इस अवसर पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा कि अपने सत्संग रूपी गंगा के बहाव से परम पूज्य ब्रह्मलीन अखंडानंद जी महाराज भक्तों को पाप मुक्ति तथा जगत को सत्य का बोध कराने वाले एक महान संत थे। इस अवसर पर अपने भाव अर्पित करते हुए स्वामी राघवानंद जी महाराज ने कहा महाराज जी अपने विचारों की उर्जा से मनुष्य को आत्ममंथन का सुखद अनुभव कराने वाले एक तपस्वी संत थे। स्वामी अरुण दास जी महाराज ने कहा समाज में रहते हुए आत्म चिंतन में सदैव खोए रहने वाले परम विभूति थे परम पूज्य अखंडानंद जी महाराज।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन कर रहे श्री महंत शुभम गिरी जी महाराज ने कहा कि समय-समय पर सभी का मार्गदर्शन कर सत्य का मार्ग दिखाने वाले एक ज्ञानमूर्ति संत थे स्वामी अखंडानंद जी महाराज। एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने अपने भावों को व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी अखन्डानन्द गिरी जी एक मधुर भाषी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, ज्ञान का प्रवाह संचित करने वाली एक महान विभूति थे। सन्यास जीवन से पूर्व स्वामी अखंडानंद गिरी जी डाॅ. गुलशन कुमार के नाम से कालेज के पूर्व प्राचार्य के रुप में भी अपनी सेवाएं दी थी आप इतिहास एवं राजनीति विज्ञान के मूर्धन्य विद्वान रहे। डाॅ. बत्रा ने अखिल भारतीय सनातन परिषद्, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्, गुरु चरणानुरागी समिति, एसएमजेएन (पीजी) कालेज के प्रतिनिधि के रुप में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की
इससे पूर्व श्री महंत रविन्द्र पुरी अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्, अध्यक्ष, अखिल भारतीय सनातन परिषद्, सचिव, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की ओर से अपना संदेश प्रेषित किया।
इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए साध्वी मुक्ता मां ने कहा कि आत्मचिंतन आत्मज्योति की ओर ले जाने वाले दुर्लभ ज्ञानमूर्ति संत थे स्वामी अखंडानंद जी महाराज। ब्रह्मलीन स्वामी परमानंद जी महाराज अखंडानंद जी महाराज ने समाज को सत्य का पथ दिखाया समाज का मार्गदर्शन कर उन्हें कल्याण का मार्ग दिखाया महंत कमलेशा नंद जी महाराज ने कहा ज्ञान के माध्यम से सभी का मार्गदर्शन करने वाले एक विद्वान संत थे स्वामी जी।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर प्रमोदानंद जी महाराज, महामंडलेश्वर संजय गिरी जी महाराज, स्वामी राघवानंद, सतपाल बह्मचारी, देवेंद्र दास तोमर, महंत शुभम गिरी, महंत कमलेशानंद, स्वामी घनश्याम गिरि, स्वामी उमेश मुनि, साध्वी मुक्ता, साध्वी आनंदी मां, डाॅ. सुनील कुमार बत्रा, उज्ज्वल बत्रा, लव दत्ता, मनोजानंद, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज, श्री श्याम गिरी जी महाराज, स्वामी सतीश वन राष्ट्रीय सचिव प्रचार अखिल भारतीय सनातन परिषद् , दिनेश चंद शर्मा प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सनातन परिषद् , दिगम्बर रधुवन, यदुवंश, विनोद गिरी, अनुज गिरी, दिगंबर आशुतोष पुरी सहित भारी संख्या में संत व भक्तजन उपस्थित रहे।