ऋषिकुल आयुर्वेदक कालेज में अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी का किया जा रहा है आयोजन…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में ऋषिकुल आयुर्वेदक कालेज में अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। प्रेस क्लब हरिद्वार में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी ने बताया कि पशु चिकित्सा में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की क्या भूमिका हो सकती है। इसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने के लिए आयोजित की जा रही तीन दिवसीय संगोष्ठी में देश विदेश के 200 से अधिक वैज्ञानिक, आईआरवी के देश के 19 केंद्रों के विशेषज्ञ, वेटरनरी शिक्षा के क्षेत्र में जाने माने बरेली के पशु चिकित्सा संस्थान के चिकित्सक, पशु पालन के क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञ, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से जुड़े 20 से अधिक आयुर्वेदिक कॉलेजों के छात्र, पीजी एवं पीएचडी शोधार्थी रिसर्च स्कॉलर्स, आयुर्वेदिक पशु औषधियां से जुड़े लगभग 2000 से अधिक व्यक्ति, समाजसेवी, साइंटिस्ट छात्र छात्राएं भाग लेंगे। डॉ. जोशी ने कहा कि परंपरागत रूप से जो औषधियां मानव के लिए उपयोगी है। वही पशुओं के उपचार में भी प्रयोग की जा सकती हैं। पशुओं को दी जाने वाली औषधियों में केवल मात्रा का अंतर होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से आयुर्वेद के द्वारा पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी रोजगार सृजन की संभावनाएं बढ़ेगी। इसके माध्यम से पाठ्यक्रम भी यूनिवर्सिटी एवं सरकार के प्रयास से चलाए जा सकते हैं।
डॉ. हेमेंद्र यादव ने बताया कि संगोष्ठी में प्रथम दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह व भैयाजी जोशी, केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र मांजू पारा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय ग्राम विकास प्रमुख डा.दिनेश, डॉ. अभिजीत पात्रा तथा समापन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा भी प्रतिभाग करेंगे। आयोजन समिति के पीडिया प्रभारी डॉ. राजीव कुरेले ने बताया कि पशु कल्याण एवं पशु आधारित वैज्ञानिक उत्पादों पर एक विशाल प्रदर्शनी भी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं विभिन्न प्रतिभागी संस्थाओं द्वारा लगाई जाएगी।