ज्वालापुर मंडी के आढतियो एवं लघु व्यापारियो का एक साल का किराया हो माफ — संजय चौपडा,
हरिद्वार — कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के वजह से लॉकडाउन अवधि के दौरान से ही आर्थिक मंदी व नुकसान का सामना कर रहे हरिद्वार, ज्वालापुर मंडी के आढ़तियों व छोटे फड़ के व्यापारियों को हुए भारी अर्थव्यवस्था से गड़बड़ाए व्यापारियों की समस्याओं के दृष्टिगत पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर हरिद्वार, ज्वालापुर मंडी के सभी व्यवसायी सब्ज़ी- फल, गल्ला, लकड़ी इत्यादि मंडी में कारोबारी लाइसेंस धारक व्यापारियों का एक साल का किराया माफ किया जाना व बरसातों को ध्यान में रखते हुए छतों की मरम्मत के साथ ज्वालापुर मंडी के समीप ट्रांसपोर्ट नगर की भूमि को मंडी समिति में समाहित कर ज्वालापुर, हरिद्वार मंडी का दायरा बढाये जाने की मांग को दोहराया।
इस अवसर पर पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा 5 जून 2020 को भारत सरकार द्वारा भारत वर्ष की सभी मंडी समितियों का दायरा कम करते हुए मंडी समिति के अधिकारों में कटौती कर अध्यादेश जारी किया जा चुका है वही केंद्रीय अध्यादेश का क्रियान्वयन करते हुए राज्य सरकार द्वारा आदेश पारित कर मंडी परिषद व मंडी समितियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में किये जा रहे विकास के कार्यो सहित समस्त मंडी शुल्क वसूली पर पूर्णता विराम लगा दिया गया है। उन्होंने कहा मंडी समितियों के अधिकार राज्य सरकार द्वारा कम किये जाने से मंडी समिति की आय वृद्धि शून्य हो चली है जिसके कारण मंडी परिषद व मंडी समितियों के कर्मचारियों, अधिकारियों के संमुख भी कार्यो का टोटा पड़ा है। हरिद्वार मंडी समिति के समस्त लाइसेंस धारक किरायदार जोकि कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन अवधि के दौरान आर्थिक रूप से टूट गए है ऐसे में मंडी के सभी व्यापारियों का एक साल का किराया माफ किया जाना व छतों की मरम्मत के साथ हरिद्वार मंडी समिति के समीप सटी ट्रांसपोर्ट नगर की भूमि को मंडी समिति में मर्ज कर मंडी समिति का दायरा बढ़ाया जाना न्यायसंगत होगा क्योंकि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रो के कृषक अपनी उपज को मंडी में लाकर उचित स्थान के माध्यम से बेच सके। चोपड़ा ने यह भी कहा केंद्रीय अध्यादेश पारित होने के उपरांत मंडी समिति के अध्यक्ष पदों की नियुक्ति नए अध्यादेश के नियम अनुसार सरकार को तत्काल कर देनी चाहिए ताकि राज्य के मंडियों के प्रबंधन पुनः नियम अनुसार संचालित हो सके।