प्राचीन हनुमान घाट हनुमान मंदिर में सप्तम दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन…
उत्तराखण्ड / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। प्राचीन हनुमान घाट हनुमान मंदिर के महंत रवि पुरी महाराज के सानिध्य में सप्तम दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा भव्य आयोजन कर हवन यज्ञ भंडारे के साथ समापन किया गया। श्रीमद् भागवत कथा के समापन के अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कलयुग का कल्पवृक्ष है जिसके श्रवण मात्र से जीवन का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का मां गंगा के तट पर श्रवण करने से जीवन के सभी संताप समाप्त हो जाते हैं और जीवन सुखमय बन जाता है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को धार्मिक आयोजनों में प्रतिभाग कर सनातन परंपराओं को समझना चाहिए और गौ गंगा गीता माता पिता गुरुजनों की सेवा करनी चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक और सफल होगा। उन्होंने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को सनातन धर्म और संस्कृति के बारे में बताना चाहिए जिससे गौ गंगा गीत का संरक्षण संवर्धन हो सके। उन्होने कहा कि लोक कल्याण करने के लिए श्रीमद् भागवत कथा से उत्तम कोई और मार्ग नहीं है। इस अवसर पर हनुमान मंदिर के महंत रवि पुरी महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज,रविदासाचार्य सुरेश राठौर,पूर्व आई एफ एस किशन चंद व नगर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह का भगवान श्री राधा कृष्ण की प्रतिमा स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
इस अवसर पर कथा व्यास बृजभूषण महाराज, पुजारी अंकित पुरी, पुष्पेंद्र शर्मा, मुरारी लाल गुप्ता, हिमांशु गुप्ता, किशन शर्मा, प्रदीप शर्मा, अंजू मित्तल, अनिता सिंह, रीता, गीता, पंडित तोताराम शर्मा आदि सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने प्रतिभाग किया।