सुराज सेवा दल ने जल विद्युत निगम में भ्रष्टाचार की खोली पोल, प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन, इन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग, जानिए…
उत्तराखण्ड / सुमित यशकल्याण।
देहरादून। सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने जल विद्युत निगम के अधिकारियों के ही संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार एवं सरकारी धन की बंदर-बांट के विरोध में राजेंद्र पन्त (प्रदेश मीडिया प्रभारी) की अगुवाई में जल विद्युत निगम के महानिदेशक को अपना विरोध व्यक्त करते हुए ज्ञापन सौंपा एवं अधिकारियों को आगाह किया कि अगर उक्त अधिकारियों के ऊपर एवं ठेकेदार के ऊपर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो सुराज सेवा दल इस भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन का रूप दे देगा। अगर दो दिन के भीतर इन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की एवं जो सरकारी धन का यह भुगतान करने जा रहे हैं उनको तत्काल रोका नहीं गया तो सुराज सेवा दल जल विद्युत निगम महानिदेशक के कार्यालय पर अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरना-प्रदर्शन करेगा।
इस अवसर पर सुराज सेवा दल के राजेंद्र पन्त, उज्ज्वल, संजय, सुरेंद्र, उमेश, पूजा, सुनीता, रेखा, कुसुम, मोहिनी, शशि, शीलु, मोनिका सुदेश, सोनिया, अंजु, बबिता, जानकी, नीतू, योगेश, रिंकू आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ज्ञापन
सेवा में
श्रीमान महानिदेशक जल विद्युत निगम
देहरादून उत्तराखंड
विषय:- कुछ अधिकारियों व ठेकेदारों से मिलीभगत कर सरकारी धन की बंदरबांट के संबंध में!
इस प्रकार है कि कुछ अधिकारियों व ठेकेदार पराग जैन के साथ मिलकर नियम कानून को ताक पर रखकर निविदाओं मैं ठेकेदार के अनुसार शर्तें लगाकर निविदाओं को दे दिया जाता है! और यदि निविदाओं को घटे दरों पर प्राप्त की जाती है तो उसमें 30 से 40% वेरिएशन कर उनके नुकसान की भरपाई कर दी जाती है! विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को निजी लाभ पहुंचाने की नीयत से फर्जी सर्टिफिकेट तक निर्गत किए गए! जिससे कि ठेकेदार द्वारा अन्य विभागों में उसी सर्टिफिकेट से कार्य भी प्राप्त किया गया! अन्त में उक्त अधिकारी को माननीय न्यायालय ने गलती से सर्टिफिकेट दिया जाना मान लिया था! तत्पश्चात दूसरी बैंच में एक फर्जी दस्तावेज जिससे कि इन की कार्यशैली की पोल जगजाहिर हो चुकी है! उक्त के संबंध में हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा माननीय सी.जी.एम.कोर्ट में वाद भी प्रस्तुत किया गया! माननीय न्यायालय द्वारा उक्त अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरुद्ध एफ आई आर के आदेश भी दिए गए! और 25 मार्च 2022 को माननीय कोर्ट द्वारा
1. पराग जैन
2. एम एस अधिकारी
3. अरुण तोमर
4. अनूप चौहान
5.विनोद भाकुनी
इन सभी के ऊपर भारतीय दंड संहिता के तहत 420,409,467,468,471,120 बी, के तहत मुकदमा भी दर्ज हो चुका है! एवं मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी उक्त अधिकारी खुलेआम घूम रहे हैं! और अपने पद पर बने हुए हैं !
अतः प्रदेश हित राजस्व हित एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए आपसे अनुरोध है! कि उक्त अधिकारियों के संबंध कर निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा ठेकेदार के चलते कार्यों को रोक दिया जाए! साथ ही इनके भुगतान पर रोक भी लगाई जाए!