जूना अखाड़े की पवित्र प्राचीन पौराणिक छड़ी यात्रा का समापन,मायादेवी मन्दिर पहुचने पर हुआ भव्य स्वागत,
हरिद्वार/ गोपाल रावत
हरिद्वार। श्री पंचदशनाम जूना अखाडा द्वारा समस्त उत्तराखंड के तीर्थो व चारों धाम की यात्रा पर निकाली गयी प्राचीन पौराणिक पवित्र छड़ी यात्रा का आज सोमवार को हरिद्वार में समापन हो गया है। प्राचीन छड़ी के प्रमुख महंत तथा जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज तथा छड़ी में उपमहंत शिवदत्त गिरि,श्रीमहंत विशम्भर भारती,श्रीमहंत पुष्करराज गिरि,श्रीमहंत विनय गिरि के नेतृत्व में पवित्र छड़ी दोपहर लगभग 12बजे श्री दुःखहरण हनुमान मन्दिर जूना अखाड़ा घाट ललतारौ पहुॅची,जहां अखाड़े के उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती,सचिव श्रीमहंत महेशपुरी,सचिव श्रीमहंत मोहन भारती,सचिव श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि,श्रीमहंत शिवानंद सरस्वती,कोठारी लालभारती तथा प्रशासन की ओर से एसडीएम गोपाल सिंह चैहान व सैकड़ो श्रद्वालुओं ने फूलमालाओं और पुष्पवर्षा से जोरदार स्वागत किया। मन्दिर के महंत उत्तम गिरि ने पवित्र छड़ी को हनुमान जी के दर्शन कराए व पूजा अर्चना की। यहां से पवित्र छड़ी शोभायात्रा के रूप् में हर हर महादेव के जयघोष के साथ अपने विश्राम स्थल अधिष्ठात्री देवी मायादेवी मन्दिर पहुची। जहां जूना अखाडे के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज,पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि,श्रीमहंत उमाशंकर भारती,गादीपति श्रीमहंत पृथ्वी गिरि,महामंत्री श्रीमहंत केदारपुरी,श्रीमहंत अन्नपूर्णामाता ने छड़ी की पूजा अर्चना की। पवित्र छड़ी नगर कोतवाल बाबा आनंद भैरव,अखाड़े के इष्टदेव भगवान दत्तात्रेय की पूजा अर्चना के बाद मायादेवी मन्दिर में पहुची,जहां महामाया की पूजा अर्चना के पश्चात् पवित्र छड़ी को विश्राम दे दिया गया।
इस अवसर पर श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा इस पवित्र छड़ी का उददे्श्य उत्तराखण्ड के उपेक्षित पौराणिक मन्दिरों के प्रति जनजागरण करना तथा इनका जीणोद्वार व विकास कर तीर्थाटन को बढ़ावा देना भी है। ताकि इन उपेक्षित क्षेत्रों का विकास हो,स्थानीय नागरिको को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो और प्रदेश से पलायन पर रोक लग सके। उन्होने कहा उत्तराखण्ड में सबसे अधिक आवश्यकता शिक्षा तथा चिकित्सा की है। सुदूर गा्रमीण क्षेत्रों मं अच्छे शिक्षण संस्थान तथा एम्स जैसे आधुनिक सुविधाओं वाले चिकित्सकों का नितान्त अभाव है। हमारा प्रयास है कि छड़ी यात्रा के माध्यम से ऐसे अभावग्रस्त स्थानों को चिन्हित कर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया जाए और शिक्षा तथा चिकित्सा की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कोरोना के कारण पवित्र छड़ी की उत्तराखण्ड यात्रा पूरी भव्यता के साथ नही की जा सकी,लेकिन अगामी वर्षो मंे इसे पूरी भव्यता के साथ विशाल रूप से आयोजित किया जायेगा। उन्होने बताया कोरोना महामारी के वाबजूद पूरे उत्तराखण्ड में जहा-जहां पवित्र छड़ी गयी,नागरिको ने इसका जोरदार स्वागत किया। लोगों ने छड़ी यात्रा को लेकर अत्यन्त उत्साह था। पवित्र छड़ी के प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत,आई.जी.संजय गुन्जयाल तथा प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा पूरी यात्रा के दौरान प्रशाासन ने साधुओं के जत्थे को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी और पूर्ण सुरक्षा के साथ यात्रा सम्पन्न करायी।