उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक संपन्न, ये बनी रणनीति, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की जिला शाखा की बैठक ऋषिकुल विश्वविध्यालय प्रांगण में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता समन्वय समिति के प्रांतीय प्रवक्ता एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नवनिर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय ने की तथा संचालन चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए समिति के प्रदेश संयोजक, प्रांतीय प्रवक्ता अरुण पांडेय ने कर्मचारियों से एकजुट रहकर आंदोलन को परिणाम तक पहुंचाने की अपील की। पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों के साथ धोखा सरकार को महंगा पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि अनेक बार सहमति के बावजूद एसीपी, गोल्डन कार्ड और पुरानी पेंशनबहाली, पदोन्नति में शिथिलीकरण, कर्मचारियों की रुकी हुई पदोन्नति, विभागों के पुनर्गठन पर समुचित कार्यवाही ना कर कर्मचारी शिक्षकों को आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बैठक में उपस्थित रहे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ.प्र. के प्रदेश उपाध्यक्ष और जिले के पूर्व अध्यक्ष जे.पी. चाहर ने देशभर के कर्मचारियों की समान समस्याओं एवम मांगों के लिए सभी प्रदेशों के संगठनों से मिलकर लड़ने का प्रस्ताव रखा। चाहर ने कहा कि कोरोना काल में डेढ़ वर्ष के तीन छमाही महंगाई भत्ता, आयुष्मान भारत की तरह सभी राज्य कर्मीयों एवं आश्रितों की सीजीएचएस की भांति निःशुल्क चिकित्सा, आजादी से पूर्व लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भांति बहाल रखना आदि ऐसी सामूहिक समस्याएं हैं जिनका मिलकर समर्थन जरूरी है और इसके लिए अखिल भारतीय स्तर पर उत्तर भारत को पहल करनी चाहिए।
इस अवसर पर समन्वय समिति के जनपद संयोजक के.सी. शर्मा और ग्राम विकास अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अनुज चौहान, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जिला हरिद्वार के जिला मंत्री अंकुर चौहान, संयुक्त संघर्ष समिति ऋषिकुल, गुरुकुल के संयोजक के.एन. भट्ट, अनिल नेगी ने शीर्ष नेतृत्व को सफल बनाने में जनपद की ओर से ऐतिहासिक सहयोग का भरोसा दिलाया है। कर्मचारी नेताओं ने दावा किया है कि सरकार ने संगठनों को गंभीरता से नहीं लिया तो परिणाम गंभीर होंगे
सभा का सफल संचालन करते हुए समिति के संयोजक दिनेश लखेड़ा, जिलाध्यक्ष शिवनारायण, जिलामन्त्री राकेश भँवर ने जनपद के कर्मचारी आन्दोलनों का हवाला देते हुए कहा कि इस बार आंदोलन ऐतिहासिक होगा, हड़ताल को सफल बनाने के लिए समस्त रणनीति तैयार कर ली गई है।
समन्वय समिति की मांगों के अलावा ऋषिकुल और गुरुकुल विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को पूर्व की भांति राज्य कर्मचारी बनाए रखने और डीडीओ कोड बहाल करने पर गहन चर्चा के बाद अरुण पांडेय ने समस्या निराकरण का आश्वासन दिया है।
उपशाखा अध्यक्ष, ऋषिकुल छत्रपाल सिंह, मनोज पोखरियाल उपशाखा अध्यक्ष राकेश चंद्र, उपाध्यक्ष ताजबर सिंह नेगी ने अवगत कराया कि कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, एसीपी लगभग 02 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं लगा है और डीडीओ कोड बहाल न होने के कारण पेंशन देयकों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
बैठक को अरुण पांडेय, जे.पी. चाहर, दिनेश लखेड़ा, शिवनारायण सिंह, राकेश भँवर, मोहित मनोचा, छत्रपाल सिंह, के.सी. शर्मा, अनुज चौहान, अंकुर चौहान, आशुतोष, दिनेश ठाकुर, रामपाल सिंह, ज्योति नेगी, दीपक अधाना, के.एन. भट्ट, अनिल नेगी, अजय कुमार, अशोक कुमार, के.के. तिवारी, रामकुमार चौधरी, मुलचंद चौधरी, सुरेंद्र आदि ने संबोधित करते हुए 26 अक्टूबर से हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया है।