वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने मुख्यमंत्री धामी से की उत्तराखंड अधिवक्ता संरक्षण विधेयक की मांग,जानिए कारण

हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य में दिन प्रतिदिन अधिवक्ताओं के साथ हिंसा और झूठी शिकायत ,मारपीट, हत्या ,हमला, आपराधिक बल अधिवक्ताओं की संपत्ति का नुकसान या हानि के मामले बढ़ने पर हरिद्वार के अरुण भदोरिया एडवोकेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार से राज्य में उत्तराखंड अधिवक्ता संरक्षण विधेयक बनाए जाने के लिए एक पत्र भेजा है जिसमें अरुण भदोरिया एडवोकेट में पत्र में लिखकर मांग की है कि अधिवक्ताओं के हित की रक्षा करने के लिए अब राज्य में आवश्यक हो गया है कि अधिवक्ताओं के विरुद्ध ऐसी हिंसा और झूठी शिकायतों को रोकने के लिए एक कानून का को बनाया जाए और उसे अपराध को संघऐ अपराध के रूप में माना जाए और अपराध में एक बात यह भी होनी चाहिए कि वह अपराध न्यायालय की सहमति से व्यथित व्यक्ति अधिवक्ता द्वारा उक्त अपराध समनीय होना चाहिए और उक्त अपराध न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुए उसमें जुर्माने का भी डंडादेश होना चाहिए और न्यायालय द्वारा वसूल की गई जुर्माने की ऐसी रकम अधिवक्ताओं को प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश होना चाहिए, साथ ही अधिवक्ता के विरुद्ध कोई भी व्यक्ति रंजिशवश थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र देता हैउसकी सबसे पहले का सीओ रैंक के अधिकारी पहले जांच करें और जांच के उपरांत ही एफआईआर दर्ज हो और इसके साथ ही यदि मामला दर्ज होता है तो उसकी सूचना बार काउंसिल आफ उत्तराखंड को भी भेजे जाने का प्रावधान होना चाहिए किसी अधिवक्ता की संपत्ति घर का संपत्ति को हानि पहुंचाई जाती है तो उसे नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति जो न्यायालय द्वारा अव धारित की जाए ऐसा प्रावधान हो साथ ही ऐसे अधिवक्ता द्वारा जो भी मेडिकल खर्च होगा उसे न्यायालय द्वारा देख कर और उसके लिए प्रतिपूर्ति करने के लिए भी न्यायालय को दिए होने का प्रावधान होना चाहिए साथ ही न्यायालय द्वारा इस प्रकार प्रदान की गई क्षतिपूर्ति ऐसे वसूल की जाए जिस प्रकार वह है भू राजस्व की बकाया देनदारी हो कोई भी अधिवक्ता इस विधेयक के पयोजनाओं के लिए विद्रेस पूर्ण उपयोग करता है या झूठी शिकायत करेगा तो उसको भी सजा या जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान है राजस्थान में राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023 में जारी हो चुका है और वहां पर वर्तमान में अधिवक्ताओं पर हमले अत्यंत शून्य के रूप में दिखाई दे रहे हैं इन सब बातों को देखते हुए श्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड को पत्र अरुण भदोरिया एडवोकेट द्वारा आज भेजा गया है।

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