बेलड़ा गांव प्रकरण में मानवाधिकार आयोग का बड़ा एक्शन, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल को दिए यह आदेश, जानिए…
हरिद्वार। गांव बेल्डा जिला हरिद्वार में उपद्रवियों द्वारा हुए हंगामें को लेकर उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग देहरादून में हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदोरिया द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें उन्होंने 12.6.2023 को गांव बेल्डा के व कुछ बाहर के लोगों के उपद्रवियों द्वारा कानून को हाथ में लेकर पत्थरबाजी, लाठी-डंडों व हथियारों से इंस्पेक्टर मनोज मेनवाल और इंस्पेक्टर राजीव रौथाण, सब इंस्पेक्टर बारु सिंह चौहान, कांस्टेबल हसलवीर को जान से मारने की नियत से हमला करने व अन्य पुलिस अधिकारियों को गंभीर चोटें आने पर दंगाइयों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेकर कानून का खिलवाड़ कर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर समुचित कार्रवाई करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के संबंध में एक याचिका दायर की थी।
जिसमें उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग द्वारा पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल को इस पूरे प्रकरण की जांच करा कर 04 सप्ताह में अपनी आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेशित किया गया है और साथ ही मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड द्वारा यह भी पुलिस महा निरीक्षक को स्पष्ट निर्देशित किया है कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंप्रांत यथा उचित आदेश पारित करने के लिए भी स्पष्ट कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि उपद्रवियों ने पुलिस इंस्पेक्टर मनोज मेनवाल को तो इस कदर मारा था कि उनको तीन चरण में मारा गया और बाद में यह सोचकर उपद्रवियों द्वारा छोड़ा गया कि उनकी मृत्यु हो गई है, वर्तमान में भी उनसे सही से बोला नहीं जा रहा है जो कि जघन्य से जघन्य कांड रहा है, और यही हाल इंस्पेक्टर राजीव रौथाण व कांस्टेबल हंसलवीर व सब इंस्पेक्टर बारु सिंह चौहान व अन्य पुलिसकर्मियों के इस जघन्य कांड में गंभीर चोटें आई। जिसकी समस्त रंगीन फोटो याचिकाकर्ता अरुण भदोरिया द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड को अपनी याचिका के साथ भेजी थी। अब मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड ने बेल्डा वाले गंभीर मामले को लेकर गंभीरता से इस प्रकरण पर अपनी आख्या 04 सप्ताह में प्रस्तुत किए जाने के लिए आदेशित किया है।