हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर आज प्रमुख सचिव की बैठक को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने जताया विरोध

हरिद्वार। हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर उत्तराखंड के प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम द्वारा आज डाम कोठी में हुई बैठक में दी गई जानकारी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चिंता जताते हुए अपना विरोध प्रकट किया और कहा कि यदि हरिद्वार के व्यापारियों और हितधारकों की आजीविका और रोजगार प्रभावित होता है तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और व्यापारियों और हितधारकों के साथ सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी। हरिद्वार स्थित पालीवाल धर्मशाला में पूर्व राज्यमंत्री संजय पालीवाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोज सैनी और निवर्तमान महापौर प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने मीडिया से कहा हरिद्वार कॉरिडोर योजना के पहले चरण में ही हर की पैड़ी के समीप बनी जाह्नवी मार्केट और कनखल के कुछ क्षेत्र को तोड़ने की बात सामने आ गई है, जबकि पूर्व में सत्ताधारी भाजपा नेताओं द्वारा बिना किसी तोड़फोड़ के ही हरिद्वार कॉरिडोर योजना को बनाने की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि जाह्नवी मार्केट वाले पहले ही विस्थापित थे अब जाकर उन्हें कुछ होश आया और अब फिर उन्हें उजाड़ने की बात कही जा रही है। क्या जाह्नवी मार्केट वाले सिर्फ विस्थापित ही बने रहेंगे? उन्होंने आशंका व्यक्त की हरिद्वार कॉरिडोर कई चरणों में पूर्ण होगा और आने वाले चरण में किसी भी बाजार में तोड़ फोड़ हो सकती है। उन्होंने बताया कि चित्रा टॉकीज के सामने वर्षों पूर्व तोड़ी गई दुकानों के मालिकों को अभी तक न तो कोई मुआवजा मिला और न ही कोई दुकान और वे सभी दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं जबकि उन्हें दुकान तोड़ते समय सरकार ने कई आश्वासन दिए थे आज हालात यह है कि उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। इसी प्रकार जाह्नवी मार्केट वालों को भी भाजपा सरकार सपने दिखा रही है कि उन्हें यदि पैसे चाहिए तो पैसे मिलेंगे और दुकान चाहिए तो दुकान मिलेगी लेकिन भाजपा सरकार जनता और व्यापारियों के साथ सिर्फ कोरे आश्वासन ही दे रही है।

इतना ही नहीं तीनों वरिष्ठ नेताओं ने हरिद्वार बस अड्डे के स्थानांतरण को लेकर भी अपना विरोध जताते हुए कहा कि वर्तमान बस अड्डे को स्थानांतरित करने पर हरिद्वार के होटल, धर्मशाला, छोटे- बड़े व्यापारी सभी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में कुछ करने की इच्छा शक्ति रखती है तो वर्तमान बस अड्डे के पीछे बहुत सारी जमीन खाली पड़ी है उक्त खाली पड़ी जमीन पर बस अड्डे का विस्तार कर डाम कोठी की तरफ सड़क निकालकर जाम के झाम से मुक्ति दिला सकती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि खड़खड़ी श्मशान घाट को पहले बहुत छोटा बताकर उसे स्थानांतरित करने की बात चली थी, मगर सेवा समिति की सोच और कार्यप्रणाली से आज खड़खड़ी श्मशान घाट बहुत विस्तार रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव द्वारा विभिन्न संगठनों के साथ हुई आज की बैठक से पूर्व उत्तराखंड की भाजपा सरकार को कॉरिडोर की डीपीआर सार्वजनिक करनी चाहिए थी, जिससे कि हरिद्वार के व्यापारियों और आमजन को मालूम हो सके कि कॉरिडोर की जद में कौन कौन से क्षेत्र आयेंगे लेकिन धामी सरकार आज भी हरिद्वार की जनता के साथ धोखा कर रहे हैं।

वहीं ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर ने भी हरिद्वार कॉरिडोर योजना को लेकर कहा कि यदि धामी सरकार की नीयत साफ है तो पहले उसे कॉरिडोर योजना की डीपीआर सार्वजनिक करनी चाहिए। जिससे मालूम हो सके कि कॉरिडोर योजना से हरिद्वार के कौन कौन से क्षेत्र प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि योजना को लेकर धामी सरकार और उसके विधायकों के अलग अलग बयान आ रहे है जिससे हरिद्वार का व्यापारी आशंकित और भय के वातावरण में जी रहा है।

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