कांवड़ यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग, संतों ने सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन, देखें वीडियो…

हरिद्वार। श्रावण कांवड़ यात्रा की आध्यात्मिक मर्यादा और धार्मिक पवित्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए मंगलवार को हरिद्वार में संत समाज और विभिन्न हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर बड़ा कदम उठाया। पंचदशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में संतों ने हरिद्वार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट मांग रखी- कांवड़ मार्ग पर गैर-हिंदू व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।

महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने कहा, “कांवड़ यात्रा केवल तीर्थ नहीं, यह संयम और तपस्या का तीव्रतम स्वरूप है। इसे अपवित्र करने की हर कोशिश का जवाब मिलेगा।”

हठयोगी बाबा ने कहा कि “यह कोई पर्यटन नहीं, तपस्या है। जो गैर-हिंदू हैं, वे कांवड़ यात्रा से दूर रहें।”

भारत माता मंदिर के महंत ललितानंद गिरी ने चेतावनी देते हुए कहां कि कांवड़ यात्रा में आस्था से खिलवाड़ करने वालों को भुगतना होगा। इसके लिय मुख्यमंत्री को साफ निर्देश देना चाहिए।”

महंडलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहां कि“यह वैमनस्य नहीं, तप की पवित्रता की रक्षा की मांग है। जिसके लिए सभी संत एकमत हैं।”

हिंदू रक्षा सेना का ऐलान…

स्वामी प्रबोधानंद गिरि (राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने कहा, “जो भी आस्था में विघ्न डालेगा, उसका इलाज होगा। धर्मद्रोहियों को माफ नहीं किया जाएगा।”

ज्ञापन की प्रमुख मांगें…

कांवड़ मार्ग पर गैर-हिंदू व्यापारियों व सेवा प्रदाताओं पर पूर्ण प्रतिबंध।

धार्मिक वस्तुओं की बिक्री का अधिकार केवल हिंदू दुकानदारों को।

सभी विक्रेताओं व शिविर संचालकों की धार्मिक पहचान की जांच अनिवार्य हो।

संवेदनशील क्षेत्रों में CCTV निगरानी और सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती।

संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त निगरानी समिति का गठन।

बीते वर्षों की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता।

ज्ञापन में कहा गया कि पिछले वर्षों में कांवड़ यात्रा में धार्मिक अपवित्रता की घटनाएं- जैसे प्रसाद में मिलावट, आपत्तिजनक वीडियो, और संदिग्ध व्यापार- श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत कर चुके हैं। अब और सहन नहीं।

प्रशासन का आश्वासन।

जिलाधिकारी कार्यालय ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने कहा कि कांवड़ यात्रा की पवित्रता के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

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