शिक्षाविद आर पी विज को भावभीनी श्रद्धांजलि,गुरु के अंतिम शब्द याद कर फफक उठे राकेश विज
सुमित यशकल्याण
हरिद्वार। कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार में तीन स्थानों पर गरीब लोगों के लिए अपने माता पिता की स्मृति में लंगर लगाने वाले हिमाचल प्रदेश के समाजसेवी राकेश विज उत्तरी हरिद्वार स्थित श्री सप्तऋषि आश्रम में रहने वाले देश के जाने-माने शिक्षाविद आरपी विज को श्रद्धांजलि देते हुए फफक फफक कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कुंभ के दौरान ही उनकी मुलाकात विज साहब से हुई थी और जीवन में लाखों शिष्यों को पढ़ाने वाले विज साहब के वे अंतिम विद्यार्थी थे। शिक्षाविद आर पी विज का पिछले दिनों निधन हो गया था। राकेश विज ने कुंभ में जिन तीन स्थानों पर गरीब लोगों के लिए लंगर लगाया था उनमें सप्तऋषि आश्रम भी शामिल था। इस दौरान ही उनकी आरपी विज से मुलाकात हुई थी ।उन्हें अपने पिता तुल्य और गुरु समान मानते हुए राकेश विज ने जीवन भर उनके द्वारा दो-तीन मुलाकातों में ही दी गई शिक्षा पर जीवन भर अनुसरण करने का संकल्प लिया था , लेकिन यह साथ ज्यादा दिन चल नहीं पाया। उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए राकेश विज ने अपने सोशल मीडिया पर डाले ऑडियो संदेश में उनके द्वारा दी गई सभी शिक्षाओं का एक-एक शब्द वर्णित किया है।
राकेश विज के अनुसार सच्चे गुरु की तरह आरपी विज साहब ने उन्हें बच्चे की तरह कम बोलने, दूसरों की बात ज्यादा सुनने और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने, दूसरों पर अनावश्यक विश्वास नहीं करने तथा अच्छाई के रास्ते पर चलने जैसे कई प्रेरक संदेश दिए थे। उनसे तीन-चार मुलाकात करने के दौरान ही उनके जीवन में काफी बदलाव आ गया था। आरपी विज साहब के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए राकेश विज ने कहा कि वह अपने गुरु की स्मृति को सदैव जीवित बनाए रखने के लिए उनके संदेशों का व्यापक प्रचार प्रसार करेंगे। उन्होंने कहा कि आरपी विज जैसे महापुरुष अपने जीवन आदर्शों के चलते हमेशा जीवित रहते है।